Bank Scam: ED ने बहुराष्ट्रीय चावल कंपनी के दो निदेशकों को गिरफ्तार किया

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने केनरा बैंक के नेतृत्व वाले ऋणदाताओं के संघ से जुड़े 1,200 करोड़ रुपये के बैंक-ऋण धोखाधड़ी मामले में धन शोधन रोधी कानून के तहत दिल्ली स्थित एक चावल कंपनी के दो निदेशकों को गिरफ्तार किया है।

अपर्णा पुरी और राहुल सूद को आठ अक्टूबर को हिरासत में लिया गया था। दोनों अमीरा प्योर फूड्स प्राइवेट लिमिटेड (एपीएफपीएल) के प्रवर्तकों में शामिल हैं।

ईडी ने एक बयान में बताया कि दिल्ली में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामलों का निपटारा करने वाली एक विशेष अदालत ने पुरी और सूद को 11 अक्टूबर तक केंद्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।

धन शोधन का यह मामला 2020 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से एपीएफपीएल, करण ए चानना, राधिका चानना, अनीता डींग, अपर्णा पुरी, राहुल सूद और अन्य के खिलाफ कथित तौर पर धोखाधड़ी, आपराधिक हेराफेरी और आपराधिक विश्वासघात करने तथा बैंकों के संघ को 1,201.85 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी से उभरा है।

ईडी के मुताबिक, मामले में मुख्य आरोपी करण ए चानना, अनीता डींग, राधिका चानना और राजेश अरोड़ा भारत से “फरार” हैं।

जांच एजेंसी ने कहा कि करण चनाना वैश्विक चावल ब्रांड अमीरा के प्रमुख हैं, जिसका कारोबार अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), जर्मनी, मॉरीशस और कुछ अन्य देशों में फैला हुआ है।

ईडी ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने एक-दूसरे के साथ और अन्य संबंधित व असंबंधित लोगों के साथ मिलकर बैंकों के संघ द्वारा स्वीकृत ऋण राशि को वास्तविक व्यापारिक लेनदेन की आड़ में कागजों पर संचालित खोखा कंपनियों के खातों में हस्तांतरित किया, जिनके निदेशक फर्जी थे।

ईडी ने पिछले साल मई में मामले में छापे मारे थे और एक करोड़ रुपये से अधिक राशि जब्त करने के अलावा कंपनी, राहुल सूद और अन्य की 131 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी, जिसमें हरियाणा के करनाल और फरीदाबाद में स्थित भूखंड और दिल्ली व गुरुग्राम में स्थित आवासीय संपत्तियां शामिल थीं।

जांच एजेंसी ने कहा, “ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात में अन्य इकाइयों और परिवार के सदस्यों के नाम पर दर्ज संपत्तियों की जांच जारी है।”