Supreme Court Verdict on Brijbihari Pradad Murder Case on 3rd October: बिहार के पटना में 13 जून 1998 में हुए चर्चित नेता बृजबिहार प्रसाद हत्याकांड के मामले में सुप्रीम कोर्ट 3 अक्टूबर को फैसला सुनाएगा। तत्कालीन विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री बृजबिहारी प्रसाद की आईजीआईएमएस में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वो वहां पर इलाज के लिए गए हुए थे। हत्याकांड वाले दिन पूर्व मंत्री अपने अंगरक्षकों के साथ संस्थान के परिसर में टहल रहे थे तभी कुछ बाइक सवार वहां पर आए और ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर उनकी हत्या कर दी। इस मामले में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला सहित 8 लोगों को आरोपी बनाया गया था और हाईकोर्ट से इन सब को बरी कर दिया गया था।
साल 2014 में इन सभी आरोपियों को पटना हाईकोर्ट से सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। बाद में पीड़ित पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर गुहार लगाई और पटना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। अब पटना हाईकोर्ट के 2014 के फैसले को चुनौती देने वाली बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी और पूर्व भाजपा सांसद रमा देवी और सीबीआई की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 3 अक्टूबर को फैसला सुनाएगा।
इसके पहले साल 2009 में इस मामले की सुनवाई करते हुए पटना की एक कोर्ट ने दो पूर्व विधायकों राजन तिवारी और विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला, पूर्व सांसद सूरजभान सिंह सहित सभी 8 आरोपियों को इस मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। लोअर कोर्ट के फैसले को सभी अभियुक्तों ने मिलकर पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके बाद पटना हाईकोर्ट में इस मामले में लोअर कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।
24 जुलाई, 2014 को हाई कोर्ट ने अभियोजन के सुबूतों को देखने के बाद कहा था कि सूरजभान सिंह उर्फ सूरज सिंह, मुकेश सिंह, लल्लन सिंह, मंटू तिवारी, कैप्टन सुनील सिंह, राम निरंजन चौधरी, शशि कुमार राय, विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला और रंजन तिवारी संदेह का लाभ पाने के हकदार हैं। साथ ही हाईकोर्ट ने सभी आरोपियो को दोषी ठहराने व उम्रकैद की सजा सुनाने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया था।