राजधानी पटना में 70वीं BPSC प्रीलिम्स की फिर से परीक्षा कराने की मांग को लेकर छात्रों का प्रदर्शन अब जारी है। इस विरोध प्रदर्शन में छात्रों के साथ जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर भी खड़े हैं। बीते दिनों वो छात्रों के साथ गांधी मैदान में मौजूद थे। जब छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। उन्होंने राज्य सरकार को पूरे विवाद को सुलझाने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था, जिसके बाद वो आमरण-अनशन की बात कही थी। अपने वादे के अनुसार गुरुवार शाम से वो आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।
गुरुवार को जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर BPSC प्रीलिम्स की फिर परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर राजधानी पटना के गांधी मैदान में बीपीएससी अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। इसके साथ ही वो शाम से गांधी मूर्ति के नीचे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर भी बैठ गए हैं। उनकी तरफ से कहा गया है कि वो ध्वस्त शिक्षा और भ्रष्ट परीक्षा व्यवस्था के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठे हैं।
छात्रों के लिए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहा हूं-PK
BPSC छात्रों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने पर शांत किशोर ने कहा, “यह अहंकारी सरकार के खिलाफ है, जिसके नेता सीएम नीतीश कुमार ने छात्रों से मिलना भी उचित नहीं समझा, जबकि छात्रों ने आंदोलन वापस लेने पर सहमति जताई थी, अगर सीएम कहते हैं कि परीक्षाएं नहीं हो सकतीं। छात्रों को अधिकारियों ने पीटा। हमारे जैसे लोगों के लिए केवल एक ही रास्ता है, इसलिए मैं अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहा हूं।
छात्रों के प्रतिनिधिमंडल के मुख्य सचिव से मुलाकात
बता दें कि प्रदर्शनकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा से मुलाकात के तुरंत बाद, किशोर ने सोमवार को कहा था कि वह ‘48 घंटे’ तक इंतजार करेंगे और अगर नीतीश कुमार सरकार 13 दिसंबर को आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षाओं पर कोई कार्रवाई करने में विफल रही, तो आंदोलन तेज हो जाएगा।
एक्शन की तैयारी में राज्य सरकार
इधर राज्य सरकार भी एक्शन की तैयारी में है। प्रशांत किशोर को पटना एसडीओ द्वारा गांधी मैदान परिसर खाली करने का नोटिस दिया गया। नोटिस में कहा गया है कि पटना उच्च न्यायालय के 2015 के आदेश के अनुसार यह निषेधाज्ञा क्षेत्र है। गर्दनीबाग में बिहार सरकार द्वारा एक अलग धरना स्थल निर्धारित किया गया है।
प्रशांत किशोर की मंशा पर सवाल
बता दें कि साल 2011 में समाज सेवी अन्ना हजारे ने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में आमरण अनशन शुरू किया था। उनके इस आंदोलन में अरविंद केजरीवाल ने भी पूरा साथ दिया था और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी। केजरीवाल ने रामलीला मैदान से सफर शुरू कर दिल्ली के सीएम तक की कुर्सी तक पहुंच गए। अब यह सवाल बिहार की सियासत में भी उठने लगे हैं कि आखिकार प्रशांत किशोर की मंशा क्या है?
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