बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवादा जिले में मकानों को आग लगाने की घटना की बृहस्पतिवार को निंदा की और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) को व्यक्तिगत रूप से घटनास्थल का दौरा करने तथा जांच की निगरानी करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने यहां कहा, ‘मुख्यमंत्री ने नवादा की घटना की निंदा की और एडीजी (विधि-व्यवस्था) को घटनास्थल का दौरा करने तथा व्यक्तिगत रूप से जांच की निगरानी करने का निर्देश दिया।’ मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने का निर्देश भी दिया है।
नवादा के मांझी टोला में 21 मकानों में आग लगाने की घटना के एक दिन बाद पुलिस ने अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा कि जो लोग कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करते हैं, उन्हें पकड़कर दंडित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य भर के सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि राज्य में कानून का शासन कायम रहे। अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने डीएम और एसपी को अपने-अपने जिलों की सभी जेलों की तलाशी लेने का निर्देश दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां कोई गैरकानूनी गतिविधि न हो।
प्रारंभिक जांच से संकेत मिला है कि बुधवार शाम मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मांझी टोला में भूमि विवाद के कारण हिंसा भड़की। बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक बयान के अनुसार नवादा जिले के मुफस्सिल थानान्तर्गत कृष्णानगर गांव में 18 सितंबर को कुछ लोगों के द्वारा कई मकानों में आग लगाए जाने की सूचना मिलने पर नवादा जिला पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुए 15-20 मिनट में घटनास्थल पर पहुंच गई और अग्निशमन दस्ते की मदद से आग पर काबू पाया गया। बयान के अनुसार नवादा के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने घटनास्थल पर पहुंचकर तत्काल कार्यवाही की और स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रित कर लिया।
बयान में कहा गया है कि रात में ही विशेष गश्ती पुलिस, मुफस्सिल थानाध्यक्ष, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (सदर) एवं अंचलाधिकारी ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की छानबीन की, इस घटना में किसी व्यक्ति के हताहत होने की सूचना प्राप्त नहीं मिली है।
बयान के अनुसार पुलिस ने घटना में संलिप्त व्यक्तियों की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का गठन करते हुए रात में ही छापेमारी करते हुए नवादा और पास के नालन्दा जिले से घटना में संलिप्त मुख्य आरोपी नंदू पासवान समेत 15 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार उनके पास से तीन देसी कट्टे और खोखे भी जब्त किए गए हैं। नवादा पुलिस की विशेष टीम अन्य आरोपियों एवं संदिग्धों के विरूद्ध लगातार छापेमारी और अन्य कार्रवाई कर रही है। बयान के मुताबिक घटना का कारण वर्ष 1995 से लंबित जमीनी विवाद माना जा रहा है। पुलिस ने कहा कि स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है। नवादा के जिलाधिकारी (डीएम) आशुतोष कुमार वर्मा ने इस घटना के बारे में ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा कि मांझी टोला में पीड़ितों को भोजन सामग्री और पीने के पानी समेत सभी राहत सामग्री प्रदान कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पीड़ितों के लिए अस्थायी तंबू लगाए गए हैं और उन्हें वहां स्थानांतरित किया जा रहा है। डीएम ने इन खबरों का खंडन किया कि घटना के दौरान खंभों से बंधे कुछ मवेशियों की भी जलकर मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है। घटना के तुरंत बाद नवादा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिनव धीमान ने संवाददाताओं से कहा था कि शाम 7 बजे के आसपास फोन पर जानकारी मिली थी कि मांझी टोला में कुछ घरों में आग लगा दी गई है।
उन्होंने कहा था कि पुलिस तुरंत दमकल की गाड़ियों के साथ मौके पर पहुंची और आग बुझाने में कुछ समय लगा। एसपी ने कहा था कि प्रारंभिक जांच में पता चलता है कि घटना का कारण भूमि विवाद है और इस संबंध में मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने कहा था कि आगजनी में शामिल लोगों ने हवा में गोलियां भी चलाईं।
बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘महा जंगलराज! महा दानवराज! महा राक्षसराज! नवादा में दलितों के 100 से अधिक घरों में लगायी आग। नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार के राज में बिहार में आग ही आग। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेफिक्र, राजग के सहयोगी दल बेख़बर! गरीब जले, मरे-इन्हें क्या? दलितों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं होगा।’
वहीं केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी ने इस घटना के लिए यादव समुदाय को जिम्मेदार ठहराते हुए दावा किया कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों में 12 यादव समुदाय से हैं।
मांझी ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान यादव समुदाय के लोगों पर प्रदेश में दलितों की जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि इस समुदाय ने उस स्थान पर रह रहे पासवान समुदाय के लोगों को उकसा कर इस घटना को अंजाम दिया है।
उन्होंने विरोधियों पर जानबूझकर बिहार की नीतीश कुमार नीत राजग सरकार को कटघरे में खड़ा करने के लिए इस तरह की राजनीतिक साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पीड़ितों के लिए बचाव और राहत कार्य जारी है तथा सभी को उचित मुआवजा दिया जाएगा।
मांझी ने कहा कि इस मामले में अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी । उन्होंने यह भी कहा कि वह खुद 22 सितंबर को घटनास्थल का दौरा करेंगे।
केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने कहा, ‘यह घटना जितनी दुखद है, उतनी ही निंदनीय और शर्मनाक भी है। मैं राज्य सरकार के संपर्क में हूं। पहले इस बात को सुनिश्चित किया जाए जा रहा है कि जितने लोग प्रभावित हुए हैं, उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाए। मैं लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, ‘नवादा की घटना निश्चित तौर पर दुर्भाग्यपूर्ण है। पदाधिकारी वहां डेरा डाले हुए हैं। अनेक गिरफ्तारियां हुई हैं। हम सद्भाव बिगड़ने नहीं देंगे और दलितों को जरा भी भयभीत होने की जरूरत नहीं है। विधि सम्मत जो भी कार्रवाई की जानी है, होगी और इस मामले में जिम्मेदार व्यक्ति कतई बख्शे नहीं जाएंगे।’
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