
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य में आगामी विधानसभा उपचुनावों और पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में होने वाले चुनावों को ध्यान में रखते हुए “वक्फ मुद्दे” को उठा रही है। राज्य के कुछ हिस्सों में किसानों के एक वर्ग ने उनकी भूमि को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किए जाने के आरोप लगाए हैं।
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए सिद्धारमैया ने एक बार फिर कहा कि किसी भी किसान को उसकी भूमि से बेदखल नहीं किया जाएगा और उन्हें जारी किए गए नोटिस वापस ले लिए जाएंगे। सिद्धारमैया ने कहा, “भाजपा राजनीति कर रही है। उनके (भाजपा) कार्यकाल के दौरान भी नोटिस जारी किए गए थे, उनका इसके बारे में क्या कहना है? भाजपा के कार्यकाल के दौरान 200 से अधिक नोटिस दिए गए थे। किसी को ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए।”
मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “मैंने पहले ही कहा है कि नोटिस वापस ले लिए जाएंगे, फिर क्यों मुद्दा बनाया जा रहा है? ” उन्होंने कहा, “यदि हमारी सरकार द्वारा नोटिस जारी किए गए हैं तो उन्हें वापस ले लिया जाएगा और किसी भी किसान को बेदखल नहीं किया जाएगा… चार नवंबर को विरोध प्रदर्शन की उनकी जो योजना है, वह तीन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनावों और महाराष्ट्र चुनावों को ध्यान में रखते हुए राजनीति के लिए बनाई गई है।”
विजयपुरा जिले के किसानों के एक वर्ग ने आरोप लगाया है कि उनकी जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किया गया है, तथा कुछ अन्य स्थानों से भी इसी तरह के आरोप सामने आए हैं। भाजपा इस मुद्दे पर अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री बी. जेड. जमीर अहमद खान के इस्तीफे की मांग और कांग्रेस सरकार के खिलाफ चार नवंबर को राज्यव्यापी आंदोलन की योजना बना रही है।