शिवसेना (उबाठा) के नेता आदित्य ठाकरे ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) से पूर्ववर्ती एकनाथ शिंदे सरकार के दौरान बृहन्मुंबई महानगरपालिका द्वारा सड़क निर्माण के लिए दिए गए ठेकों में कथित अनियमितताओं की जांच कराने की शनिवार को मांग की।
ठाकरे ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मांग की…
ठाकरे ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मांग की कि शिंदे के साथ-साथ दीपक केसरकर और मंगल प्रभात लोढ़ा को नयी सरकार से बाहर रखा जाना चाहिए क्योंकि उनके मंत्री के रहने के दौरान सड़क निर्माण का ठेका दिया गया था। केसरकर और लोढ़ा क्रमश: मुंबई शहर और मुंबई उपनगरों के प्रभारी मंत्री थे।
महाराष्ट्र में, मौजूदा देवेंद्र फडणवीस सरकार में एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री हैं। उन्होंने पांच दिसंबर को इस पद की शपथ ली थी। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में महायुति को बहुमत मिला था। ठाकरे ने कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सड़क निर्माण के लिए दिए गए ठेकों की एसआईटी जांच की मांग की है, लेकिन हम ईओडब्ल्यू से इसकी जांच की मांग करते हैं।’’
वर्ष 1997 से 2022 तक बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) पर अविभाजित शिवसेना का नियंत्रण था। हालांकि, 2022 की शुरुआत से ही नगर निगम के चुनाव कराए जाना बाकी है। वहीं, वर्तमान में बीएमसी राज्य सरकार द्वारा नियुक्त प्रशासक के अधीन है। ठाकरे ने एक समाचार का हवाला देते हुए दावा किया कि बीएमसी हर फ्लैट से कूड़ा एकत्र करने के लिए शुल्क लगाने की योजना बना रही है। ठाकरे ने इस कदम को ‘‘मुंबई को लूटने’’ का प्रयास करार दिया।
ठाकरे ने दावा किया, ‘‘जब हम (बीएमसी में) सत्ता में थे तो यह सेवा (कूड़ा एकत्र करने की) मुफ़्त थी। नगर निगम का दायित्व है कि इसे मुफ़्त सेवा के रूप में प्रदान करे। यह उपयोगकर्ता शुल्क के माध्यम से मुंबई को लूटने का प्रयास है।’’
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