बिहार में करीब 13 दिनों से छात्र इस शीतलहर में सड़कों पर उतरे हुए हैं। छात्रों की मांग है कि BPSC की परीक्षा फिर से कराए जाएं। इस दौरान पुलिस के डंडे और वाटक कैनन इन छात्रों के ऊपर बेधड़क बरसते रहे हैं, लेकिन क्या ही मजाल है कि बिहार की NDA सरकार के किसी नेता ने इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाई हो। हालांकि, इस छात्र आंदलोन में क्रेडिट लेने की होड़ जरूर लगी हुई है। तभी तो प्रशांत किशोर हों, या पप्पू यादव या फिर तेजस्वी यादव, सभी छात्रों को अपना समर्थन जताने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे छात्र इस मामले का राजनीतिकरण नहीं होने दे रहे हैं। क्रेडिट की होड़ के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान की एंट्री हो गई है।
लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने कहा, “बिहार के युवाओं और BPSC अभ्यर्थियों के मुद्दों को लेकर NDA सरकार के प्रमुख सहयोगी होने के नाते मैंने बिहार सरकार और माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी से तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील की है, जिसके परिणामस्वरूप सरकार की ओर से मुख्य सचिव (जो सरकार के सबसे बड़े अधिकारी होते है ) ने अभ्यर्थियों और छात्रों के साथ संवाद की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही इस पहल के सार्थक परिणाम दिखेंगे। यह हमारी सरकार की सकारात्मक सोच और छात्रों के प्रति संवेदनशीलता का परिणाम है।”
चिराग पासवान की छात्रों से अपील
पटना में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों से अपील करते हुए कहा, “मैं अभ्यर्थियों से भी अपील करता हूं कि वे शांतिपूर्ण और रचनात्मक तरीके से अपनी बातों को सरकार के समक्ष रखें और किसी भी राजनीतिक व्यक्तियों के बहकावे में आने से बचें। यह मुद्दा पूर्ण रूपेण युवाओं के भविष्य और बिहार के विकास से जुड़ा है, जिसे राजनीति से ऊपर रखकर हल किया जाना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि हमारी पार्टी हर कदम पर युवाओं के साथ खड़ी है। कुछ राजनीतिक व्यक्ति और दल जो छात्रों को भटकाने का काम कर रहे हैं, ये गलत है। अपने राजनीतिक लाभ के लिए छात्रों का इस्तेमाल करना कतई उचित नहीं है। माननीय मुख्यमंत्री जी स्वयं इस मामले को लेकर सजग है, सरकार छात्रों की हर संभव मदद के लिए प्रयासरत है।
छात्रों पर लाठीचार्ज को लेकर क्या बोले चिराग पासवान?
छात्रों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर चिराग पासवान ने कहा, “कल पटना में हुए छात्रों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन के इस्तेमाल का मैं कभी समर्थक नहीं रहा , पुलिस को संयम बरतना चाहिए। छात्र अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे है तो उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से समझा कर उनकी समस्याओं के निदान के लिए प्रयास करना चाहिए , न कि लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल। मैंने मुख्यमंत्री जी से इस बात को भी कहा है कि ऐसे पुलिस अधिकारी जो ऐसे कार्यों में संलिप्त पाए जाते है उनपर भी कानून कार्रवाई की जानी चाहिए।”
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