BREAKING: अवैध धर्मांतरण मामले में मौलाना उमर गौतम समेत 14 दोषी करार, हो सकता है आजीवन कारावास

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Illegal Conversion Case: फतेहपुर के अवैध धर्मांतरण मामले में लखनऊ की NIA-ATS कोर्ट ने मौलाना उमर गौतम और मौलाना कलीम सिद्दीकी सहित अन्य 14 आरोपियों को दोषी करार दिया है। इस मामले में बुधवार को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। वहीं एक अन्य आरोपी इदरीस कुरैशी को हाई कोर्ट से स्टे मिल गया है। ये लोग फतेहपुर में गिरोह बनाकर अवैध धर्मांतरण का रैकेट चलाते थे।

NIA-ATS कोर्ट ने आरोपियों को 417, 120B, 153A, 153B, 295A, 121A, 123 और अवैध धर्मांतरण की धारा 3, 4, और 5 के तहत दोषी पाया है। इस मामले में दोषियों को 10 साल से लेकर अधिकतम आजीवन कारावास तक की सजा हो सकता है। NIA-ATS कोर्ट के जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी सभी दोषियों के लिए कल सजा का ऐलान करेंगे। UP ATS ने इन लोगों को अलग-अलग से गिरफ्तार किया था।

लोगों को देते थे ट्रेनिंग

UP ATS ने इन लोगों को अलग-अलग से गिरफ्तार किया था। ये गिरोह देशव्यापी अवैध धर्मांतरण कराने कराता था। उन लोगों को अपना टारगेट बनाते थे जो आर्थिक रूप से कमजोर और दिव्यांग होते थे। लोगों को बहला-फुसलाकर, डरा धमकाकर और दबाव बनाकर धर्मांतरण कराते थे। धर्मांतरण करने के बाद उस लोगों पर दबाव बनाया जाता था कि वो अपने मूल धर्म के लोगों का भी धर्म परिवर्तन कराए। ये गिरोह इस बात का भी ख्याल रखता था कि कहीं लोग फिर से अपने धर्म में वापसी ना करलें और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो। इसके लिए खास वर्कशॉप और ट्रेनिंग दी जाती थी। 

गिरोह बनाकर करते थे काम

कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय कर दिए हैं। ये गिरोह बड़ी संख्या में लोगों को लालच देता था। उनके मूल धर्म के बारे में भ्रम, नफरत और भय पैदा करके ब्रेनवॉश किया जाता था। कोर्ट में बताया गया कि आरोपियों ने लोगों का धर्म परिवर्तन कराने के लिए मूल धर्म के बारे में भ्रम पैदा किया है। आरोपियो ने अपने मनसूबों को अंजाम देने के लिए पूरे देश में जाल बिछाया था। विदेशों से हवाला के जरिये पैसा आता था। 

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