उत्तर प्रदेश के बहराइच में पिछले तीन महीनों से आतंक का पर्याय बने छठे भेड़िए का आखिरकार गांव वालों ने काम तमाम कर ही दिया। देर रात फिर शिकार पर निकले ‘लंगड़ा सरदार’ को ग्रामीणों ने पीट-पीटकर मार डाला। खूंखार नरभक्षी भेड़िया देर रात शिकार की तलाश में महसी इलाके के तमाचपुर गांव मे पहुंचा था। मगर सजग ग्रामीणों ने शिकार करने से पहले इसे निपटा दिया। सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची।
‘आदमखोर लंगड़ा सरदार’ बीती रात फिर शिकार पर निकला था। भेड़िया शिकार की तलाश में महसी इलाके के तमाचपुर गांव में पहुंचा था और घर के आंगन में माँ के पास सो रहे मासूम बच्चे पर हमला करने की कोशिश की थी लेकिन मां के चिल्लाने की आवाज सुनकर भेड़िया भाग निकला और बकरी पर हमला कर दिया। गांव में फिर से भेड़िया आने की सूचना पाकर अलर्ट हुए ग्रामीणों ने उसे घेर लिया और पीट पीट कर मार डाला।
वन विभाग की टीम ने भेड़िए के मरने की पुष्टि की
सूचना पाने के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने छठे भेड़िए के शव को कब्जे में ले लिया। डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि कई दिनों से वन विभाग की टीमें इस आखिरी भेड़िये को पकड़ने की कोशिश कर रही थीं। जब हमें सूचना मिली कि एक गांव में जानवर का शव पड़ा है। हम तुरंत अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और देखा कि वहां एक मरा हुआ भेड़िया पड़ा था। क्योंकि उसके शरीर पर जख्म के निशान थे, हो सकता है कि उसके गांव वालों या किसी और ने उसे मार दिया हो, हम इसकी जांच करेंगे। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों ने ही लंगड़ा सरदार का किया काम तमाम
वहीं, छठे भेड़िए के मारे जाने से कहीं ना कहीं ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। जिस भेड़िए को वन विभाग की टीम लगातार 3 महीने से तलाश कर रही थी उसे भेड़िया को आखिरकार ग्रामीणों ने ही मार गिराया है। बता दें कि 17 जुलाई से 2 सितंबर तक 9 मासूम और एक महिला को निवाला बनाने वाला खूंखार भेड़िया वन विभाग के पकड़ से दूर था। इस भेड़िया के मारे जाने के बाद उम्मीद की जा रही है कि इलाके से नरभक्षी का आतंक समाप्त हो गया।
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