BREAKING: श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में मुस्लिम पक्ष को झटका, HC ने रिकॉल अर्जी खारिज की

shock to muslim side in shri krishna janmabhoomi shahi eidgah dispute 1729680951386 16 9 Ru6Li0

BREAKING: श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की रिकॉल अर्जी पर फैसला सुनाते हुए उसे खारिज कर दिया। 11 जनवरी 2024 के आदेश को चुनौती देते हुए मुस्लिम पक्ष ने रिकॉल अर्जी दायर की थी।

रिकॉल अर्जी 15 याचिकाओं को लेकर दाखिल हुई थी जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। 23 अक्टूबर को जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की अर्जी को खारिज कर दिया। 

पिछली सुनवाई में मुस्लिम पक्ष की तरफ से पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता तस्लीमा अजीज अहमदी ने दलील दी कि सभी मामलों को समेकित (एक साथ जोड़ने) किए जाने से वे सभी मामलों का विरोध करने के अधिकार से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने यह दलील भी दी कि यह समयपूर्व अवस्था है और मुद्दे तय किए जाने और साक्ष्य एकत्र किए जाने से पूर्व मुकदमों को समेकित नहीं किया जाना चाहिए।

मुस्लिम पक्ष के आवेदन का हिंदू पक्ष ने किया था विरोध

मुस्लिम पक्ष के इस आवेदन का विरोध करते हुए हिंदू पक्ष की तरफ से दलील दी गई कि एक बार अदालत ने विचार कर लिया कि राहत समान है, संपत्ति समान है और प्रतिवादी समान हैं तो इन मुकदमों को समेकित करना अदालत के अधिकार क्षेत्र में है और किसी भी पक्ष को इसे चुनौती देने का अधिकार नहीं है। हिंदू पक्ष की ओर से यह भी कहा गया कि इस तरह की आपत्तियों का उद्देश्य सुनवाई को लटकाना है। अदालत ने एक अगस्त 2024 के आदेश में मुद्दे तय करने को कहा था, लेकिन आज की तिथि तक कोई भी मुद्दा तय नहीं हुआ है और अदालत केवल आवेदनों पर सुनवाई कर रही है।

न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन कर रहे भी 18 मुकदमों की सुनवाई

हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने कहा कि मुकदमों को समेकित करने का यह अर्थ नहीं है कि सभी मुकदमों को लड़ने का अधिकार थम जाएगा। उनके मुताबिक, मुकदमों को समेकित करना इस अदालत का विवेकाधिकार है और इसे किसी व्यक्ति द्वारा बदला नहीं जा सकता। वहीं, अहमदी ने कहा कि जब तक मुद्दे तय नहीं हो जाते, यह नहीं कहा जा सकता कि ये मुकदमे एक समान हैं। न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन इन सभी 18 मुकदमों की सुनवाई कर रहे हैं।

इससे पूर्व, एक अगस्त 2024 को न्यायमूर्ति जैन ने हिंदू पक्षों द्वारा दायर इन मुकदमों की पोषणीयता (सुनवाई योग्य) को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी।

हिंदू पक्ष ने शाही ईदगाह मस्जिद का ढांचा हटाने के बाद जमीन का कब्जा लेने और मंदिर बहाल करने के लिए 18 मुकदमे दाखिल किए हैं। यह विवाद मथुरा में मुगल बादशाह औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़ा है जिसे कथित तौर पर भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर एक मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बनाया गया है। हालांकि, मुस्लिम पक्ष (शाही ईदगाह की प्रबंधन समिति और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड) ने इन मुकदमों का विभिन्न आधार पर विरोध किया है।

(इनपुट-पीटीआई)

इसे भी पढ़ें: इमरान मसूद की जा सकती है सांसदी, हो सकती है 7 साल की जेल