Digital Arrest: डिजिटल अरेस्ट को लेकर बड़ी खबर आ रही है। डिजिटल अरेस्ट स्कैम पर गृह मंत्रालय ने बड़ा एक्शन लिया। मामले में जांच कमेटी बनाई गई है। डिजिटल अरेस्ट स्कैम की हाईलेवल कमेटी जांच करेगी।
PM मोदी के ‘मन की बात’ में जिक्र करने के बाद डिजिटल अरेस्ट स्कैम को लेकर ये बड़ा एक्शन गृह मंत्रालय ने लिया है।
गृह मंत्रालय ने बनाई कमेटी
गृह मंत्रालय द्वारा बनाई गई हाईलेवल कमेटी डिजिटल अरेस्ट के मामलों की जांच के लिए राज्यों से रिपोर्ट लेगी। साथ ही एजेंसियों के साथ मिलकर जांच की जाएगी।
मन की बात में PM मोदी ने जताई थी चिंता
गौरतलब है कि रविवार (27 अक्टूबर) को अपने रेडियो कार्यक्रम में ‘मन की बात’ में डिजिटल अरेस्ट स्कैम पर चिंता जताई थीं। उन्होंने बताया कि किस तरह से फ्रॉड करने वाली गैंग लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं और लोगों की मेहनत की कमाई पर अपना हाथ साफ कर लेते हैं। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान इस स्कैम से बचने के लिए लोगों को 3 मंत्री भी दिए थे।
स्कैम से बचने के लिए दिए थे 3 मंत्र
उन्होंने कहा था कि डिजिटल सुरक्षा के लिए तीन चरण हैं, रुको-सोचो और एक्शन लो। अगर कोई कॉल आते है तो रुके, घबराएं नहीं और शांत रहें। जल्दबाजी में कोई भी कदम न उठाएं। किसी को भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी न दें। संभव हो तो स्क्रीनशॉट और रिकॉर्डिंग जरूर करें। दूसरा चरण है सोचो, जिसमें डर लगे तो समझिए कुछ गड़बड़ है। तीसरा चरण है- एक्शन लो, जिसमें अपने परिजनों और पुलिस को घटना की जानकारी दें। साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें। cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज कराएं।
पीएम मोदी ने कहा था कि ‘रुको’, बाद में ‘सोचो’ और फिर ‘एक्शन लो’, ये तीन चरण आपकी डिजिटल सुरक्षा का रक्षक बनेंगे।
क्या होता है डिजिटल अरेस्ट?
यह जालसाझों द्वारा लोगों को ठगने का नया डिजिटल फ्रॉड है। इसमें जालसाज अधिकारी बनकर ऑडियो या वीडियो कॉल पर लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर लेते हैं और अलग अलग तरह से डर दिखाकर लाखों रुपये ठग लेते हैं। डिजिटल अरेस्ट के जरिए धोखाधड़ी काफी बढ़ गई है। यही कारण है कि पहले पीएम मोदी ने इस पर चिंता जताई और लोगों को इससे सचेत करने की कोशिश की। अब गृह मंत्रालय ने ऐसे मामलों की जांच के लिए कमेटी बना दी है।
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