

भारत और जापान के बीच की दोस्ती बेहद गहरी और मजबूत है, जिसका एक बड़ा उदाहरण जापान द्वारा भारत को दो हाई-स्पीड बुलेट ट्रेनें मुफ्त में देने का फैसला है। ये ट्रेनें E5 और E3 शिंकानसेन मॉडल की हैं, जिनकी कुल लागत लगभग 600 करोड़ रुपये आंकी गई है। जापान इन दोनों ट्रेनों को 2026 की शुरुआत तक भारत को सौंपने वाला है।
मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर, जिसकी लंबाई 508 किलोमीटर है, पर लगभग 71% काम पूरा हो चुका है। इस परियोजना के तहत बुलेट ट्रेन से मुंबई से अहमदाबाद का सफर मात्र तीन घंटे में पूरा होगा, जबकि वर्तमान में यह यात्रा 5 से 8 घंटे में होती है। इस कॉरिडोर पर कुल 12 स्टेशन होंगे, जिनमें मुंबई स्टेशन अंडरग्राउंड होगा और 7 किलोमीटर का हिस्सा समुद्र के नीचे से गुजरेगा।
जापान की यह पहल केवल एक उपहार नहीं है, बल्कि दोनों देशों के बीच तकनीकी सहयोग और अनुभव साझा करने का माध्यम भी है। इन ट्रेनों की मदद से भारतीय इंजीनियर शिंकानसेन तकनीक को समझेंगे और परीक्षण के दौरान भारतीय मौसम और भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार ट्रेन को बेहतर बनाने का काम करेंगे। इसके साथ ही, जापान बुलेट ट्रेन के अगले मॉडल E10 पर भी काम कर रहा है, जिसे भारत और जापान दोनों में एक साथ लॉन्च करने की योजना है।
यह उपहार भारत और जापान के बीच गहरे रणनीतिक और आर्थिक संबंधों का प्रतीक है, जो दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करेगा। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में जापान का यह योगदान भारत के हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के विकास में मील का पत्थर साबित होगा और भारतीय रेलवे को तकनीकी रूप से आधुनिक बनाएगा।