Nayab Singh Saini Hooda Anil Vij Video: हरियाणा विधानसभा में आज (25 अक्टूबर) कुछ खास पल देखने को मिले जब, मुख्यमंत्री नायब सैनी, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अनिल विज के बीच तीखी बहस के बाद अचानक से माहौल हंसी मजाक में बदल गया। यह सत्र हरियाणा में बीजेपी सरकार के गठन के बाद आयोजित हुआ, जिसमें प्रोटेम स्पीकर रघुवीर कादियान ने विधायकों को शपथ दिलाई। इस सत्र के दौरान सियासी गर्माहट भी देखने को मिली, लेकिन बाद में नायब सैनी, हुड्डा और अनिल विज समेत तीनों दिग्गजों की हंसी ने माहौल को हल्का कर दिया।
सत्र की शुरुआत में ही बीजेपी और कांग्रेस के बीच तनातनी दिखी। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सदन में अभिभाषण पढ़ा, जिसके बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने टिप्पणी की कि सैनी ने सदन में सरकार का भाषण दे दिया। उन्होंने कहा कि, ‘मेरे पास भी बहुत कुछ कहने को है, पर मैं नहीं बोलूंगा।’ इस पर अनिल विज ने जवाब दिया कि, ‘हुड्डा साहब, हरियाणा की जनता ने आपके पास जो कुछ था, उस पर पहले ही निशान लगा दिया है।’ विज की इस टिप्पणी पर हुड्डा तैश में आ गए और उन्होंने स्पीकर से कहा कि विज की भाषा और तरीका गलत है। हुड्डा ने यह भी चेतावनी दी कि अगर विज ने अपना तरीका नहीं बदला, तो वह कांग्रेस विधायकों को सदन से बाहर ले जाएंगे।
‘मामा बैठ जा, टोका मत कर’- महिपाल ढांडा
इस बहस के बीच मंत्री महिपाल ढांडा ने भी अपनी टिप्पणी से माहौल को गरम कर दिया।बेरी से विधायक रघुवीर कादियान ने मंत्री महिपाल ढांडा को टोका, तो मंत्री महिपाल ढांडा ने मजाक में कहा कि, ‘मामा बैठ जा, हर बात पर टोका मत कर।’ विधायक रघुवीर कादियान ने जवाब में कहा कि ढांडा उनका भांजा है और वह उसे बचपन से जानते हैं। विधायक रघुवीर कादियान के इस मजाक पर रामकुमार गौतम ने टिप्पणी की कि, ‘रघुवीर अब बूढ़े हो गए हैं और भांजे से कोई नहीं लड़ता।’ जिसके बाद रामकुमार गौतम की टिप्पणी पर सदन में हंसी का माहौल बन गया।
PC : ANI
ढांडा और विज को कस के रखना- हुड्डा
आखिरकार, भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने माहौल को शांत करने के लिए स्पीकर से आग्रह किया कि, ‘स्पीकर महोदय, सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए दो आदमियों को कस के रखना होगा- एक महीपाल ढांडा और दूसरा अनिल विज।’
इस दिलचस्प बातचीत के बाद माहौल में हल्कापन आ गया और मुख्यमंत्री सैनी, हुड्डा और विज को हंसते हुए देखा गया। विधानसभा का यह सत्र राजनीतिक गर्मी और हास्य का अनोखा संगम बन गया, जहां सियासी प्रतिद्वंद्विता के बावजूद हंसी-मजाक से माहौल को संतुलित बना रहा।
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