बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने कम दबाव के क्षेत्र के मंगलवार को अवदाब में तब्दील होने और पूर्वी तट की ओर बढ़ने के साथ ही इसके एक तेज चक्रवाती तूफान का रूप लेने की पूरी संभावना है। ओडिशा सरकार ने संवेदनशील इलाकों से बाहर निकाले जाने वाले लोगों के लिए करीब 800 आश्रय स्थल तैयार किये हैं। ओडिशा के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने मंगलवार को बताया कि अधिकारियों ने अब तक 250 चक्रवात राहत केंद्रों का दौरा किया है, जहां लोगों को उनके घरों से बाहर निकाले जाने के बाद रखा जाएगा।
उन्होंने बताया कि चक्रवाती तूफान के खतरे को देखते हुए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जाने वाले लोगों के लिए भोजन, पानी, दवा, बिजली और अन्य आवश्यक वस्तुएं तैयार रखी गई हैं। मंत्री ने बताया कि 800 चक्रवात आश्रयों के अलावा, विद्यालयों और कॉलेजों सहित 500 अतिरिक्त अस्थायी आश्रय स्थल भी तैयार किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को चक्रवात आश्रय स्थलों में महिलाओं के लिए व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। इन आश्रय स्थलों में महिला पुलिसकर्मियों की तैनात की जाएगी।
गर्भवती महिलाओं की बनाई गई सूची
मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने चक्रवात के खतरे को देखते हुए किसी भी तरह का नुकसान न हो यह सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों से सभी लोगों को बाहर निकालने पर जोर दिया है। मंत्री ने कहा कि सरकार ने उन गर्भवती महिलाओं की सूची भी तैयार की है, जिनका दो सप्ताह के भीतर प्रसव होने की संभावना है।
आपदा के दौरान किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए उन सभी महिलाओं को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कुछ लोग चोरी के डर के कारण अपना घर खाली करने से कतरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस को उन गांवों में गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं, जहां लोगों को चक्रवात आश्रय स्थलों में पहुंचाया जाएगा।
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