ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बताया कि केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर जिलों के चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 50 हजार घरों में बिजली आपूर्ति अभी बहाल होना बाकी है। चक्रवात के बाद की स्थिति की समीक्षा करने के बाद रविवार शाम यहां पत्रकारों को जानकारी देते हुए माझी ने कहा कि पुनर्निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है और सड़कों से मलबा हटा दिया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रभावित इलाकों में से 98 प्रतिशत क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है। चक्रवात से प्रभावित 22.84 लाख बिजली उपभोक्ताओं में से 22.32 लाख घरों में बिजली आपूर्ति बहाल हो चुकी है। उन्होंने कहा कि केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर जिलों में कई गांवों के जलमग्न होने के कारण करीब 50 हजार घरों में अभी बिजली आपूर्ति बहाल होना बाकी है। माझी ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में करीब सात हजार कर्मचारी बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए जुटे हुए हैं।
आठ लाख से अधिक लोगों ने शेल्टर होम में ली शरण
उन्होंने बताया कि चक्रवात प्रभावित इलाकों से आठ लाख से अधिक लोगों को 6,210 आश्रय केंद्रों में शरण दी गई और स्थिति सामान्य होने के बाद उनमें से अधिकतर लोग अपने घरों को वापस लौट चुके हैं। माझी ने बताया कि करीब 30 हजार लोगों के घर जलमग्न होने के करण वे अब भी 470 आश्रय केंद्रों में शरण लिए हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जाजपुर और मयूरभंज के 12 ब्लॉकों के 4,100 गांवों में 2.21 लाख एकड़ से अधिक खड़ी फसलें प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। उन्होंने कहा कि जल स्तर कम होने पर क्षेत्र का मौके पर सत्यापन करने के बाद ही विस्तृत क्षति का आकलन किया जाएगा।
प्रभावितों को मुआवजा दिया जाएगा-CM माझी
माझी ने कहा कि संबंधित जिला अधिकारियों को यहां हुई क्षति का आकलन कर दो नवंबर तक रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। इसके बाद प्रभावितों को मुआवजा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बुधबलंगा नदी में जलस्तर घटने लगा है और अब यहां बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। माझी ने कहा कि वह सोमवार को मयूरभंज, बालासोर और भद्रक जिलों के वर्षा प्रभावित क्षेत्रों का एक और हवाई सर्वेक्षण करेंगे।
मुख्यमंत्री ने रविवार दोपहर जगतसिंहपुर जिले के पारादीप, केंद्रपाड़ा जिले के महाकालपाड़ा, राजनगर और राजकनिका तथा भद्रक जिले के चांदबली के तटीय क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।
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