Delhi Air Pollution : प्रदूषण से निपटने को लेकर दिल्ली सरकार के तमाम दावे-वादें फिसड़ी साबित हो रही है। राष्ट्रीय राजधानी गैस चेंबर बन गई है। प्रदूषण को लेकर हालत गंभीर हो गए हैं। हर साल की तरह राजधानी दिल्ली की हवा दमघोंटू हो गई है। दिवाली से पहले ही कई इलाकों में AQI ‘बहुत खराब’ से लेकर ‘गंभीर’ श्रेणी तक में पहुंच गया है। ऐसे में जल्द ही GRAP-3 की पाबंदियां लागू हो सकती है।
दिल्ली से सटे शहरों का भी बूरा हाल है। ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और नोएडा में भी वायु गुणवत्ता (AQI) ‘बहुत खराब’ तथा फरीदाबाद और गुरुग्राम में ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कई इलाकों में 300 पार कर गया। यानी बहुत खराब की श्रेणी में पहुंच गया। जबिक शनिवार को यह 255 था।
कहां कितना पहुंचा AQI?
दिल्ली में चौबीस घंटे के भीतर इसमें प्रदूषण के स्तर में 101 अंकों की बढ़ोतरी हो गई। सोमवार की सुबह दिल्ली के आनंद विहार क्षेत्र में धुंध की एक परत छाई गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार AQI गिरकर 357 पर पहुंच गया है, जिसे ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा गया है।
इन इलाकों में बिगड़े हालात
दिल्ली के ज्यादातर इलाकों का AQI ”बहुत खराब” जबकि तीन इलाकों का ”गंभीर” श्रेणी में रहा। दिल्ली के आनंद विहार में AQI 358 दर्ज किया गया तो सोनिया विहार में AQI 366 रहा। दिल्ली के मुंडका में AQI 367 और जहांगीरपुरी में AQI 370 दर्ज किया गया है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए तीसरे चरण में लगने वाली पाबंदियां जल्द लागू हो सकती है।
जल्द लागू होगा GRAP-3
बता दें कि सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान ( GRAP) के तहत आपातकालीन उपायों में वायु गुणवत्ता को चार चरणों पहला एक्यूआई 201 से 300 होने पर ‘खराब’, दूसरा चरण एक्यूआई 301 से 400 होने पर ‘बहुत खराब’, तीसरा चरण एक्यूआई 401 से 450 होने पर ‘गंभीर’ और चौथा चरण एक्यूआई 450 से ऊपर होने पर ‘गंभीर प्लस’ में वर्गीकृत किया गया है।
लोगों को हो रही है सांस संबंधी समस्याएं
राष्ट्रीय राजधानी के ये हालात दिपावली से पहले हो गई है, जो काफी चिंताजनक है। दिल्ली की जहरीली हवा लोगों का सीनी चीर रही है। दिवाली पर पटाखे जलाने के बाद क्या हालात होंगे यो सोचकर भी लोगों को घबराहट हो रही है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बीच लोगों को सांस संबंधी समस्याएं भी हो रही है।
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