प्रतिबंधित संगठन PFI पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा खुलासा किया है। ईडी की मानें तो विदेशों में अभी भी PFI के 1300 सक्रिय सदस्य मौजूद हैं। देश में PFI को फिर से मजबूत करने की साजिश रची जा रही है। ED ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की चल और अचल 35 संपत्तियों को जब्त की है। इन संपत्तियों की कीमत करीब 57 करोड़ रुपए बताई जा रही है। इन संपत्तियों में कई ट्रस्ट, कम्पनियां और निजी संपत्तिया शामिल हैं।
ईडी ने दिल्ली पुलिस और NIA द्वारा दर्ज मामलों को आधार बनाकर मनी लॉड्रिंग का केस दर्ज किया था, जांच में पता चला कि PFI के 29 खातों में देश और विदेश से फंड आया था, डमी फर्मों से फंड हवाला के जरिए और दूसरे तरीकों से भेजा गया था। ईडी इस मामले में फरवरी 2021 से मई 2024 तक PFI से जुड़े 26 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। ईडी ने अब तक 94 करोड़ रुपए की अपराध से अर्जित आय का पता लगाया है।
ED की जांच में PFI को लेकर बड़े खुलासे
ED को अपनी जांच में पता चला की PFI का विदेशों में भी बड़ा नेटवर्क है। इसके सिंगापुर और खाड़ी देशों में 13,000 से अधिक सक्रिय सदस्य है। इन देशों में रहने वाले गैर निवासी मुस्लिम से पैसे इकट्ठा करने के लिए PFI ने डिस्ट्रिक्ट एग्जेक्यूटिव समिति (DEC) का गठन किया। जिन्हें करोड़ों रुपए की फंडिंग करने का टारगेट दिया गया। यह पैसा भारत में पीएफआई की आतंकवादी और अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
जांच में पता चला है कि PFI का असली मकसद कुछ और है। जांच में पता चला कि पीएफआई का असली मकसद भारत में जिहाद के जरिए इस्लामी स्टेट की स्थापना करना है, जबकि वह खुद को सामाजिक आंदोलन के रूप में पेश करता है। पीएफआई अपने कृत्यों को गैर-हिंसक बताती थी लेकिन हासिल सबूतों से पता चलता है कि उनके विरोध के तरीके हिंसक हैं।
भारत में गृह युद्ध करने के तैयारी में PFI-ED
ED ने अपनी जांच में पाया कि PFI भारत में गृह युद्ध करने के लिए हवाई हमले, गोरिल्ला वार करने के लिए एक अलग से टेली कम्युनिकेशन सिस्टम तैयार करने की प्लानिंग कर रहा था। PFI ने अपने सदस्यों को अधिकारियों को परेशान करने, उनको ठगने, सामाजिक संबंध बनाने के साथ दुनिया को मरा हुआ दिखाने के लिए नकली अंतिम संस्कार करने का भी निर्देश दिया था भारत के खिलाफ साजिश के तहत PFI राष्ट्र की एकता और अखण्डता को कमजोर करना चाहता है। जिसके लिए वो कानूनों को तोड़ना, दोहरी पहचान और भारत के अंदर समानांतर सरकार चलाना समेत भारत के सीक्रेट एजेंटों की पहचान उजागर करना भी शामिल था।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर गंभीर आरोप
ED ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिनमें दिल्ली में फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों में हिंसा भड़काने और परेशानी पैदा करने की साजिश। हाथरस में साम्प्रदायिक माहौल को बिगाड़ने और आतंक फैलाने के लिए PFI और CFI के सदस्यों का दौरा। आतंकवादी ग्रुप बनाने की प्लानिंग के तहत, घातक हथियार और विस्फोटक सामग्री जमा करना और महत्वपूर्ण और संवेदनशील जगहों समेत बड़ी हस्तियों पर हमला करने की योजना बनाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना यात्रा के दौरान अशांति फैलाने के लिए ट्रेनिंग केंप बनाना था।
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