Arvind Kejriwal: दिल्ली की नई आबाकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट ने झटका दिया है। हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस मामले में केजरीवाल के खिलाफ निचली अदालत द्वारा की गई कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेने के निचली कोर्ट के फैसले के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर ईडी से जवाब मांगा है।
दिल्ली हाईकोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को करेगी। वहीं ED की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केजरीवाल की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है। केजरीवाल के वकील ने कहा छठी सप्लीमेंट्री चार्जशीट और 7वीं सप्लीमेंट्री चार्जशीट एक ही ऐसी है उसमें कुछ भी नया नहीं है गवाहों के बयान भी यही हैं जो पहले की चार्जशीट में हैं। केजरीवाल के वकील ने कहा बिना उचित अथॉरिटी की अनुमति के ट्रायल कोर्ट कैसे मामले में सुनवाई कर सकती है।
छठीं और सातवीं चार्जशीट एक जैसी हीः तुषार मेहता
हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने ED को याचिका पर जवाब देने के लिए समय दिया। हालांकि, कोर्ट ने स्थगन आवेदन पर फिलहाल कोई आदेश पारित नहीं किया। सीनियर एडवोकेट एन हरिहरन और रेबेका एम जॉन ने अरविंद केजरीवाल की ओर से केस की पैरवी कर रहे थे। एडवोकेट तुषार मेहता ने प्रवर्तन निदेशालय का प्रतिनिधित्व किया। शुरुआत में मेहता ने कहा कि अभियोजन के लिए मंजूरी है। उन्होंने मामले में हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा। इस पर हरिहरन ने कहा कि ईडी ने केजरीवाल को आरोपी के तौर पर जो चार्जशीट दायर की है उसमें 7वीं और छठी एक जैसी ही है और दोनों में गवाह भी एक जैसे ही हैं। ये चार्जशीट बिना किसी नए अपडेट के दाखिल कर दी गई वो भी बिना किसी नई सामग्री के।