आतंकियों की आएगी शामत, LG मनोज सिन्हा बोले- सुरक्षा एजेंसियों को एक्शन की खुली छूट

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जम्मू कश्मीर के गांदरबल जिले में एक बार फिर आतंकवादियों ने प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाया है। आतंकियों ने डॉक्टर समेत 7 लोगों की गोली मारकर हत्या करदी, जबकी 5 लोग घायल हैं। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों ने जिले के गुंड इलाके में एक सुरंग के निर्माण कार्य में लगी एक निजी कंपनी के एक शिविर में रह रहे मजदूरों को अपनी गोलियों का शिकार बनाया। इससे पहले शुक्रवार को शोपियां जिले में बिहार के एक मजदूर का गोलियों से छलनी शव मिला था। पूरा देश इस घटना से आहत है। वहीं जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पीड़ित परिजनों से मुलाकात की। 

परिजनों से मुलाकात के बाद मनोज सिन्हा ने कहा, “सुरक्षाबलों को पूरा फ्री हैंड दिया गया है। ये बहुत दुर्भाग्य की बात है। जम्मू कश्मीर का प्रशासन पूरी तरह से इन परिवारों के साथ है। सरकार की नीति स्पष्ट है, उसमें कोई दुविधा नहीं है। स्वाभाविक रूप से ये पाकिस्तान की ही कोशिश है। पहले हमारी जिम्मेदारी दूसरी है। जो अपने नागरिकों को सुविधा नहीं दे पा रहे वो भारत में अशांति फैलाने की कोशिश ना करें।”

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गगनगीर आतंकी पर कहा, “बड़े अफसोस की बात है कि गगनगीर में कल रात यह हमला हुआ जिसमें कई सारी कीमती जानें गईं। कुछ लोग जख्मी भी हुए, इस हमले की जितनी निंदा की जाए कम है। पिछले 35 साल से हम यह देखते आए हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर में कुछ नहीं बदला… जाहिर सी बात है इस हमले से वे दिखाना चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में हालात पूरी तरह से ठीक नहीं है…”

सूत्रों के मुताबिक गांदरबल आतंकी हमले के पीछे हाल में घुसपैठ करने वाले आतंकियों का हाथ है। LoC से उत्तर कश्मीर सीमा से आतंकियों ने घुसपैठ की थी। खुद को शॉल से ढके हुए एक आतंकवादी ने मजदूरों के कैंप पर गोलियां चलाई है। इस मामले की जांच अब नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) करेगी। सुरक्षा बलों की टीम इलाके में सर्च ऑपरेशन चल रही है, DGP समेत टॉप अधिकारी मौके पर हैं। आतंकी हमले पर गृह मंत्री अमित शाह और एलजी मनोज सिंहा ने कहा है कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।

पिछले 2 साल में ‘टारगेट किलिंग’

आतंकियों के निशाने पर अब दूसरे राज्यों से काम की तलाश में कश्मीर आए प्रवासी मजदूर हैं। खासकर गैर मुस्लिम और कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया जा रहा है। बीजेपी कार्यकर्ता, स्थानीय निकाय में चुने गए लोग, जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान और अफसर भी आतंकियों के निशाने पर हैं।

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