हर्षा उपाध्याय ने कहा कि दूसरी तिमाही के नतीजे निराशाजनक रहेंगे ये पहले से ही उम्मीद थी । हालांकि बाजार में मंदडियों के हावी होने की एक यह वजह भी है कि बाजार का वैल्यूएशन काफी महंगा हो गया था। जिसके चलते बाजार में करेक्शन की उम्मीद थी। हालांकि कंपनियों के नतीजे इस करेक्शन का साथ दे रहे है। क्योंकि दूसरी तिमाही में भी नतीजों में सुधार नहीं हुआ