Himachal Crisis: सरकार हुई कंगाल, नहीं आई सैलरी; वित्त मंत्री बोले- भांग की खेती साबित होगी गेमचेंजर

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हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार कंगाली के दौर से गुजर रही है। तभी तो कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन को लेकर सुक्खू सरकार ने बड़ा फेरबदल किया। बता दें, हिमाचल प्रदेश में अब कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन अब हर महीने की 1 तारीख को नहीं आएगी, बल्कि 5 और 10 तारीख को आएगी।

हिमाचल की सुक्खू सरकार के इस फैसले और प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, राज्य के सभी कर्मचारियों को 05 तारीख को सैलरी मिल जाएगी और 10 तारीख को पेंशन रिलीज हो जाएगी। प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। समय-समय पर हमने लोन लिए हैं। सरकार महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। हमारी आबकारी नीति से कई सौ करोड़ का हमें फायदा भी हुआ है।

भांग की खेती होगा गेम चेंजर: विक्रमादित्य सिंह

वहीं प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुधारने को लेकर विक्रमादित्य सिंह ने कहा, “भांग की खेती को कानूनी करने का फैसला भी गेम चेंजर होगा। मेडिकल उपयोग के लिए, कपड़े बनाने और कई चीजों के लिए इसका इस्तेमाल होता है। आने वाले समय में राज्य को मुनाफा होगा, प्रदेश का व्यवसाय बढ़ेगा। सरकार के ऊपर बढ़ता कर्ज चिंता का विषय है, इस पर राजनीति कम होनी चाहिए। सबको इसपर चिंतन करना है कि इससे कैसे राज्य को बाहर निकालना है। हमें छींटाकशी से बचने की आवश्यकता है।”

मंडी सांसद कंगना पर क्या बोले विक्रमादित्य सिंह

कांग्रेस की तरफ से मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत के अपमान के सवाल को लेकर विक्रमादित्य सिंह ने कहा, “मंडी की सांसद का बहुत सम्मान करते हैं। जिस तरीके से उनका आपदा के समय बयान आया कि प्रशासन ने कहा है कि हिमाचल ना आएं, ये उनका बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। हम महिलाओं का सम्मान करते हैं। प्रतिनिधि के तौर पर उनका सम्मान करते हैं। वो चुनने के बाद हिमाचल प्रदेश की अनदेखी कर रही हैं, ये दुर्भाग्यपूर्ण है।”

अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर कसा तंज

वहीं दूसरी ओर हालिया स्थिति को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व खेल एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “पेंशन आई कि नहीं आई? सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह आई कि नहीं? हिमाचल प्रदेश ने ऐसे बुरे दिन नहीं देखे थे। कांग्रेस आई, बुरे दिन लाई। जो कहते थे हर खाते में महिलाओं के 1500 रुपये डाल देंगे, डेढ़ साल हो गया, 1500 रुपये नहीं पहुंचे हैं। सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स को भी पैसे नहीं पहुंचे हैं। कर्नाटक में भी कांग्रेस सरकार के हाल बुरे हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार तनख्वाह नहीं दे पा रही है। ये सरकार मित्रों की भलाई करती है, लेकिन सरकारी कर्मचारियों की प्रताड़ना से पीछे नहीं हटती। ऐसी सरकार से कांग्रेसी भी दुखी हैं, जनता, अधिकारी, कर्मचारी भी दुखी हैं।”

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