हाई फ्रिक्वेंसी डेटा ने दूसरी तिमाही में सुस्ती के संकेत दिये हैं। इस अवधि में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज गतिविधि में कमी आई है। हालांकि, केंद्रीय बैंक और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इस वर्ष के लिए भारत के विकास पूर्वानुमान को बरकरार रखा है
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