Indore Beggar: इंदौर में कलेक्टर ने आदेश जारी किया है कि अब से कोई भी अगर भिखारियों को भीख देगा तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। आखिर ऐसी नौबत क्यों आन पड़ी? इसको समझने की कोशिश करते हैं। दरअसल पिछले कुछ दिनों से भिखारियों के नाम पर कुछ लोग ड्रग्स की सप्लाई में संलिप्त मिले, पुलिस ने बताया कि एक भिखारी दिखने वाले व्यक्ति द्वारा एक एक हफ्ते में 75 हजार रुपए तक की कमाई की जा रही है। जब मामले की पड़ताल की गई तो पाया कि बड़ी बड़ी रकम ड्रग्स व्यापार में इस्तेमाल हो रही है, यानी इंदौर में खुले तौर पर भिक्षावृत्ति के नाम पर लोग दूर दूर से भिखारी बनने इंदौर आते थे।
इंदौर में प्रशासन पिछले कुछ दिनों से भीख मांगने वालों की धरपकड़ कर रहा है। इसी कड़ी में पिछले दिनों इंदौर के मल्हारगढ़ और कुछ अन्य जगह मंदिर के बाहर भिक्षावृत्ति करने वाली महिलाओं और पुरुषों को जिला प्रशासन की टीम ने पकड़ा, जब जांच पड़ताल की तो यह बात सामने आई की महिलाओं द्वारा एक-एक हफ्ते में 75000 की कमाई भिक्षावृत्ति के माध्यम से की जा रही है।
अगर कोई भी भिखारी को भीख देते नजर आया तो.. FIR
पड़ताल में पता चला है कि ये पैसा ड्रग्स के व्यापार में इस्तेमाल किया जा रहा है। अब इंदौर कलेक्टर ने भीख देने वालों के खिलाफ ही कार्रवाई करने की बात कही है, इस आदेश को 1 जनवरी से लागू किया जाएगा, यानि 1 जनवरी से अगर इंदौर शहर में कोई भी व्यक्ति किसी भिखारी को भीख देते हुए नजर आएगा तो उसके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने इस तरह का फरमान भिक्षावृत्ति रोकने के लिए निकला है क्योंकि कई ऐसी घटना इंदौर में सामने आ चुकी है कि जब भिक्षावृत्ति करते हुए किन्हीं लोगों को पकड़ा जाता है और जब उनकी आय की जांच की जाती है तो वह करोड़ और लाखों रुपए में निकलती है। वहीं कई बार यह भी तथ्य सामने आए हैं कि कई लोग राजस्थान सहित अलग अलग राज्यों से लोग भिक्षावृत्ति करने के लिए इंदौर आते हैं और फिर इंवेस्टमेंट पैसा ड्रग्स के व्यापार में इस्तेमाल किया जाता था।
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