झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के जंगल में तीन दिन पहले बिहार के तीन फेरीवालों की नृशंस हत्या की जांच के लिए पुलिस ने एक विशेष टीम गठित की है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि ये तीनों अपना सामान बेचने के लिए गुदरी थाना क्षेत्र के जतरमा गांव गए थे।
अधिकारी ने बताया कि तीनों के शव क्षत-विक्षत थे।
पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने बुधवार को बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है।
शेखर ने बताया कि ऐसा संदेह है कि ग्रामीणों के साथ कुछ विवाद हत्या का कारण हो सकता है क्योंकि तीनों लोग पहले भी गांव में गए थे।
चक्रधरपुर उप-विभागीय पुलिस अधिकारी पारस राणा के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस दल का गठन किया गया है।
बंदगांव थाना क्षेत्र में रहने वाले तीनों युवक अपना सामान बेचने के लिए गांव-गांव जाते थे।
अधिकारी ने बताया कि रविवार देर रात तक जब वे (फेरीवाले) अपने घर नहीं लौटे तो उनके दोस्त उन्हें तलाशते हुए माओवादी प्रभावित गुदरी इलाके के गांव में गए, जहां उन्हें घटना की जानकारी मिली।
उन्होंने सोमवार देर शाम पुलिस को सूचना दी।
एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने शवों को बरामद कर मंगलवार को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
अधिकारी ने बताया कि तीनों की पहचान बिहार के मोतिहारी जिले के पिठाही थाना क्षेत्र के तुलसी कुमार उर्फ तुलसी साह (24), शिवहर जिले के पुरनलिया थानाक्षेत्र के राकेश कुमार (26) और रमेश कुमार (22) के रूप में हुई है।