Karnataka: बीजेपी ने विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल को कारण बताओ नोटिस दिया

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Karnataka News: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केंद्रीय अनुशासन समिति ने विजयपुरा के विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल को ‘‘प्रदेश पार्टी नेतृत्व के खिलाफ लगातार तीखी टिप्पणी’’ करने को लेकर ‘कारण बताओ’ नोटिस दिया है और उनसे 10 दिन के भीतर जवाब देने को कहा है। कुछ ही दिन पहले ही यतनाल ने प्रदेश नेतृत्व की अनुमति के बगैर ही एक माह तक चलने वाला वक्फ विरोधी मार्च शुरू किया। नोटिस का जवाब देते हुए यतनाल ने कहा कि हिंदुत्व के लिए लड़ाई और ‘वंशवादी राजनीति’ के खिलाफ उनकी प्रतिबद्धता जारी रहेगी।

केंद्रीय अनुशासन समिति के सदस्य सचिव ओम पाठक ने एक दिसंबर को भेजे अपने ‘कारण बताओ’ नोटिस में कहा, ‘‘प्रदेश पार्टी नेतृत्व के खिलाफ आपके तीखे हमले, पार्टी के निर्देशों की अवहेलना और राजनीतिक तथा सार्वजनिक महत्व के सभी मामलों पर पार्टी के आधिकारिक रुख के विपरीत सार्वजनिक बयानबाजी तथा रुख अपनाने की खबरें मीडिया के साथ-साथ विभिन्न पार्टी मंचों पर भी सामने आई हैं।’’ यह नोटिस मीडिया के साथ सोमवार को साझा किया गया है। पार्टी ने बताया कि अगर वह निर्धारित समय के भीतर जवाब नहीं दे पाते हैं तो वह इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेगी।

बीवाई विजयेंद्र के आलोचक माने जाते हैं यतनाल

यतनाल पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और उनके परिवार, खासकर भाजपा की कर्नाटक इकाई के प्रमुख बीवाई विजयेंद्र के कड़े आलोचक माने जाते हैं। वह अक्सर उन पर निशाना साधते हैं और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से मांग करते रहते हैं कि कांग्रेस की परिवारवादी राजनीति के खिलाफ प्रभावी लड़ाई के लिए येदियुरप्पा की ‘‘वंशवादी राजनीति’’ पर लगाम लगाई जाए।

बसनगौड़ा पाटिल यतनाल से मांगा गया स्पष्टीकरण

पाठक ने कहा, ‘‘यह ‘गंभीर चिंता’ की बात है कि अतीत में कई बार ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किए जाने और अच्छे आचरण के आपके आश्वासन के बावजूद अनुशासनहीनता बेरोकटोक जारी है।’’ पार्टी में उनकी वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए पाठक ने कहा कि केंद्रीय अनुशासन समिति ने अतीत में उनके द्वारा दिए गए स्पष्टीकरणों पर नरम रुख अपनाया है। उन्होंने कहा, ‘‘आपने पार्टी नेताओं के खिलाफ झूठे और परोक्ष आरोप लगाये हैं। आपने राजनीतिक और सार्वजनिक महत्व के मामलों पर पार्टी के आधिकारिक रुख की अवहेलना की है जो भाजपा के पार्टी नियम का गंभीर उल्लंघन है।’’ पाठक ने यतनाल से कहा, ‘‘कृपया कारण बताएं कि पार्टी को क्यों नहीं आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए? आपका स्पष्टीकरण इस नोटिस मिलने के दस दिन के भीतर पेश किया जाना चाहिए।’’

बीदर से चमराजनगर तक निकाला था वक्फ विरोधी मार्च

निर्धारित समय में स्पष्टीकरण नहीं मिलने की स्थिति में केंद्रीय अनुशासन समिति यह मान सकती है कि यतनाल के पास अपने जवाब में कहने को कुछ नहीं है और तब वह इस मामले में अंतिम निर्णय ले सकती है। यतनाल ने विधायक रमेश जरकीहोली, अरविंद लिंबावली, महेश कुमाथल्ली, मधु बंगारप्पा सहित भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर बीदर से चमराजनगर तक वक्फ विरोधी मार्च निकाला है। यह मार्च 25 नवंबर को शुरू हुआ और 25 दिसंबर को समाप्त होगा।

इस मार्च को भाजपा में विजयेंद्र के विरोधी गुट के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। यतनाल ने कहा कि यह मार्च किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य ‘‘किसानों, सनातन धर्म और हिंदुओं को राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा जारी बेदखली नोटिस से बचाना है।’’ इस नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए यतनाल ने कहा कि हिंदुत्व की लड़ाई और ‘‘वंशवादी राजनीति’’ के खिलाफ उनकी प्रतिबद्धता जारी रहेगी।

नोटिस का जवाब दूंगा- बसनगौड़ा पाटिल यतनाल

विजयपुरा से विधायक ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘मैं भाजपा की अनुशासन समिति के अध्यक्ष द्वारा जारी नोटिस का जवाब दूंगा, साथ ही कर्नाटक में भाजपा की स्थिति स्थिति के बारे में तथ्य भी पेश करूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हिंदुत्व की लड़ाई, भ्रष्टाचार का विरोध, वक्फ से जुड़े मुद्दे और वंशवाद की राजनीति के प्रति मेरी प्रतिबद्धता अटल रहेगी।’’ यतनाल अदालत में एक मामले के सिलसिले में रविवार को नयी दिल्ली के लिए रवाना हुए। सूत्रों ने पहले बताया था कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से उनकी मुलाकात होने की उम्मीद है।