पश्चिम बंगाल में एक बस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कोविड महामारी की वजह से हुए घाटे का हवाला देते हुए शहर के एक मार्ग की 15 वर्ष पुरानी बसों की समय सीमा दो वर्षों तक बढ़ाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। यहां 15 वर्ष पुरानी इन बसों की निर्धारित वैध समय सीमा समाप्त हो चुकी है। ‘जॉइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट’ के महासचिव तपन बनर्जी ने कहा कि परिवहन विभाग का बसों की दुर्दशा पर ध्यान नहीं है अन्यथा कई मार्गों पर बसों की संख्या में और अधिक कमी आ सकती है।
बनर्जी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा…
बनर्जी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमने पहले राज्य सरकार से अपील की थी कि 2020 से 2021 तक दो साल कोरोना काल के दौरान बस संचालकों को हुए घाटे के कारण 15 साल की उम्र पूरी करने वाली बसों के लिए हमें दो साल की अवधि प्रदान की जाए। अनुरोध स्वीकार नहीं किए जाने पर हमें अंतिम प्रयास के रूप में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ा।’’
मुकुंदपुर से हावड़ा तक रूट संख्या-24 के अध्यक्ष के रूप में बनर्जी ने 24 सितंबर को जनहित याचिका दायर की थी। चार अक्टूबर को उनकी याचिका आने वाले दिनों में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हुई। पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर 2009 में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक आदेश में वाणिज्यिक वाहनों की आयु सीमा 15 वर्ष निर्धारित कर दी है। इस प्रकार, पुराने वाहनों के कोलकाता महानगर क्षेत्र (केएमए) में संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
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