Kolkata Doctor Rape Case: सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने CBI को जांच की छूट दी है। साथ ही सीबीआई से नई स्थिति रिपोर्ट के लिए समय दे दिया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि ऐसा लगता है कि जांच प्रगति पर है। सीबीआई को अगले मंगलवार तक एक नई स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने दें। सीजेआई ने कहा कि देखते हैं कि अब से लेकर तब तक क्या होता है। हम ये नहीं पूछ रहे हैं कि उन्हें किस तरह की जांच अपनानी है। चीफ जस्टिस ने ये भी कहा कि सीबीआई को उन सुरागों का पीछा करने दें, जो उन्हें अभी मिल रहे हैं।
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अपनी रिपोर्ट दाखिल की। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की ओर से सीलबंद लिफाफे में जमा की गई रिपोर्ट का अध्ययन किया। इस पीठ में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। पीठ ने कहा कि सीबीआई ने स्थिति रिपोर्ट जमा की है, जिससे लगता है कि जांच प्रगति पर है। हम सीबीआई को नई स्थिति रिपोर्ट जमा करने का निर्देश देते हैं। हम सीबीआई को उसकी जांच पर गाइड नहीं करना चाहते।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में आज क्या-क्या हुआ?
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है और कहा है कि जब डॉक्टर काम नहीं कर रहे थे तब 23 लोगों की मौत हो गई।सीजेआई ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से आरजी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के आवास और अस्पताल के बीच की दूरी के बारे में पूछा।एसजी मेहता ने लगभग 15-20 मिनट का जवाब दिया।सुप्रीम कोर्ट ने अप्राकृतिक मौत की रिपोर्ट दर्ज करने के समय पर स्पष्टीकरण मांगा।एसजी मेहता ने कहा कि वो हम सबकी बेटी है।वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मृत्यु प्रमाण पत्र दोपहर 1:47 बजे दिया गया, अप्राकृतिक मौत की एंट्री पुलिस स्टेशन में दोपहर 2:55 बजे की गई।सुप्रीम कोर्ट ने तलाशी और जब्ती के बारे में जानना चाहा। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने शाम 8:30 बजे से 10:45 बजे तक जवाब दिया।सुप्रीम कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज सीबीआई को सौंपी गई थी। एसजी मेहता ने जवाब दिया- हां।सुप्रीम कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या रात 8:30 से 10:45 बजे तक की गई तलाशी और जब्ती प्रक्रिया की फुटेज सीबीआई को सौंपी गई है? एसजी मेहता ने जवाब दिया कि कुल 27 मिनट की अवधि वाली 4 क्लिप हैं।एसजी मेहता ने कहा कि सीबीआई ने नमूने एम्स और अन्य केंद्रीय फोरेंसिक प्रयोगशाला को भेजने का फैसला किया है।सीजेआई ने सीबीआई को अगली सुनवाई तक ताजा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।एसजी तुषार मेहता ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती से संबंधित मुद्दे को उठाया।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी और सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी संयुक्त रूप से यह सुनिश्चित करेंगे कि तीनों कंपनियों को आसपास के क्षेत्र में उचित आवास उपलब्ध कराया जाए।सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि सीआईएसएफ कर्मियों के लिए आवश्यक सभी आवश्यक मांगें आज ही विधिवत संकलित की जाएं और आज रात 9 बजे तक सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।एक अधिवक्ता ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर कई सवाल उठाए और कहा कि योनि से लिया गया स्वाब, जिसे 4 डिग्री सेल्सियस पर सुरक्षित रखना था, नहीं लिया गया।सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये नहीं बताया गया है कि ये कब किया गया।एसजी मेहता ने आगे कहा कि बलात्कार और हत्या के मामले में पहले 5 घंटे महत्वपूर्ण होते हैं और सीबीआई के सामने अपनी चुनौतियां होती हैं जब वो घटना के 5 दिन बाद जांच करने आते हैं।सुप्रीम कोर्ट ने एसजी मेहता से जानना चाहा कि क्या शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने के समय उनके पास पत्र था।वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने कहा कि उन्हें तत्काल दस्तावेज नहीं मिल पा रहे हैं और उन्होंने इसे रिकॉर्ड में रखने के लिए समय मांगा।एसजी तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें सौंपी गई फाइल में ये नहीं है।सुप्रीम कोर्ट ने याद दिलाया कि उसने डॉक्टरों के काम पर लौटने के बाद उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई ना करने का निर्देश दिया है और टिप्पणी की कि अगर वो (डॉक्टर) काम पर नहीं लौटते हैं तो हम राज्य सरकार को कार्रवाई करने से नहीं रोक सकते हैं।वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा ने जवाब दिया कि डॉक्टरों को धमकाया जा रहा है।सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक परिस्थितियां बनाई जाएं, जिसमें पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए शौचालय की सुविधा उपलब्ध हो।सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से कल शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का आग्रह किया और कहा कि उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी, हालांकि शीर्ष अदालत ने चेतावनी दी कि अगर वो लगातार काम से अनुपस्थित रहे तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
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