Mahakumbh 2025: इस बार कुंभ का आयोजन इसलिए स्पेशल है क्योंकि इसे पूर्ण कुंभ कहा जा रहा है जो हर 144 साल में आयोजित होता है। इससे पहले 1882 में प्रयाग में पूर्ण कुंभ का आयोजन हुआ था। कुंभ की आर्थिक प्रासंगिकता की बात करें तो उस वक्त भी अंग्रेजी सरकार ने कुंभ पर करीब 20 हजार रुपये खर्च किए थे
Mahakumbh 2025: 144 साल पहले भी कुंभ मेले से खूब पैसे कमाती थी सरकार, 20 हजार लगाकर बटोरे थे 50,000
