‘Rajyamata’ Desi Cows: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले शिंदे कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए देसी गायों को ‘राज्यमाता’ का दर्जा देने का ऐलान किया है। कैबिनेट के इस अहम फैसले की जानकारी राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी।
देसी गायों को ‘राज्यमाता’ का दर्जा देने का एक नेटिफिकेशन भी जारी किया गया है कि जिसमें कहा गया है कि गाय को भारतीय संस्कृति में वैदिक काल से ही महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। गाय का महत्व न केवल धार्मिक है बल्कि कृषि और चिकित्सा में भी गाय के कई फायदे हैं।
देसी गाय को राज्यमाता का दर्जा- देवेंद्र फडणवीस
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कगा कि देसी गाय हमारे किसानों के लिए एक वरदान है, इसलिए हमने इन्हें यह दर्जा ( राज्यमाता ) देने का निर्णय लिया है। हमने देसी गोमाता के परि पोषण और चारे के लिए मदद करने का निर्णय लिया है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा और पंचगव्य उपचार के लिए गाय का महत्व
महाराष्ट्र के कृषि, डेरी विकास, पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि इस कदम के पीछे अन्य कारकों में मानव पोषण में देसी गाय के दूध का महत्व, आयुर्वेदिक एवं पंचगव्य उपचार के लिए उपयोग और जैविक खेती में गाय के गोबर से बने खाद का इस्तेमाल शामिल है।
गाय को उत्तराखंड ने सबसे पहले दिया राजमाता का दर्जा
भारत में गाय के राज्यमाता का दर्जा देने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है। राज्य विधानसभा में 19 सितंबर 2018 को गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की मांग के साथ एक संकल्प पारित किया गया था, जो सर्वसम्मति से पारित होकर केंद्र सरकार के पास भेज दिया गया। उत्तराखंड के बाद ऐसा करने वाला महाराष्ट्र देश में दूसरा राज्य बन गया है।
इसे भी पढ़ें: दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड को लेकर इमोशनल हुए मिथुन चक्रवर्ती