राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने पंजाब में आतंकी साजिश रचने के मामले में खालिस्तानी आतंकवादियों हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा और लखबीर सिंह उर्फ लांडा के प्रमुख गुर्गे के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया। जांच एजेंसी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पंजाब के तरनतारन के निवासी गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी के खिलाफ सोमवार को मोहाली में एनआईए की विशेष अदालत में आरोपपत्र दायर किया गया। एनआईए ने आरोपी की पहचान प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ‘बब्बर खालसा इंटरनेशनल’ (बीकेआई) के विदेश में बसे और आतंकवादी घोषित रिंदा और लांडा के गुर्गे के रूप में की है।
जांच एजेंसी के अनुसार आतंकवाद रोधी एजेंसी की जांच में पाया गया कि पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में आतंक फैलाने के लिए बीकेआई के आतंकवादियों द्वारा रची गई साजिश में गोपी की भूमिका थी।
एनआईए जांच के अनुसार, आरोपी दिसंबर 2022 में पुलिस थाना सरहाली पर आरपीजी (रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड) दागने वाले आतंकी हमले में भी शामिल था। एजेंसी ने खुलासा किया कि वह जेल में रहते हुए भी अपने विदेशी आकाओं के संपर्क में था और उस मामले में जेल से रिहा होने के बाद भी संपर्क में रहा।
एनआईए की जांच में पाया गया कि गोपी ने लांडा के कहने पर बड़े पैमाने पर व्यापारियों से उगाही के जरिए भारत में बीकेआई और उसके गुर्गों के लिए धन जुटाने की साजिश रची। इसने कहा कि उसने बीकेआई आतंकी मॉड्यूल के लिए युवाओं की भर्ती भी की थी।
इसमें कहा गया कि जो लोग लांडा के निशाने पर थे उन लोगों की गोपी ने रैकी की थी और उनको खत्म करने का प्रयास भी किया था। बयान में कहा गया कि एनआईए ने उस पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, भारतीय दंड संहिता और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए थे। एनआईए ने इस साल जनवरी में तलाशी अभियान के दौरान आरोपी के घर से एक अवैध हथियार भी जब्त किया था।