
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) पुरी के जगन्नाथ मंदिर में रत्न भंडार की मरम्मत का काम 17 दिसंबर से शुरू कर सकता है। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाढ़ी ने सेवायतों की शीर्ष संस्था ‘छत्तीसा निजोग’ की बैठक के बाद इस निर्णय की मंगलवार को घोषणा की।
पाढ़ी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ अंतरिम रूप से निर्णय लिया गया है कि एएसआई 17 दिसंबर से रत्न भंडार की मरम्मत का काम शुरू कर देगा जो दो-तीन महीने में पूरा हो सकता है।’’उन्होंने कहा कि एसजेटीए एएसआई को सभी तरह का सहयोग करेगा ताकि यह मरम्मत कार्य सुचारू ढंग से हो।
दोपहर 1 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगा मरम्मत का काम
उन्होंने कहा ,‘‘ मरम्मत का काम दोपहर एक बजे शुरू होगा और शाम छह बजे तक चलेगा। हालांकि, 31 दिसंबर और एक जनवरी को श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए काम को एक या दो दिन के लिए रोका जा सकता है। रत्न भंडार की मरम्मत के काम से 12वीं सदी के इस मंदिर में होने वाले नियमित अनुष्ठानों पर किसी भी तरह का असर नहीं पड़ेगा।’’
पाढ़ी ने कहा कि श्रद्धालुओं को मंदिर के बाहरी हिस्से से देवताओं के दर्शन की अनुमति होगी तथा उन्हें आंतरिक भाग में नहीं आने दिया जाएगा। अधीक्षण पुरातत्वविद डी बी गरनाइक ने बैठक में संबंधित पक्षों को मरम्मत कार्य की रूपरेखा समझाई।
इससे पहले, एएसआई ने हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान की सहायता से रत्न भंडार या खजाने का ‘भू-भेदक रडार-जीपीएस’ सर्वेक्षण किया था। अधिकारियों ने कहा कि संस्थान ने पिछले महीने एएसआई को अपनी सर्वे रिपोर्ट सौंपी थी।
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