QUAD में PM मोदी और बाइडेन की मुलाकात से चीन को लगेगा 440 वोल्ट का झटका, भारत को क्या होगा फायदा?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी QUAD समिट में शामिल होने के लिए अमेरिका पहुंच चुके हैं। QUAD में पीएम मोदी की मुलाकात अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापान के पीएम फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथोनी अल्बानीज से मुलाकात करेंगे। ये मुलाकात क्वाड देशों के लिहाज से बेदह महत्वपूर्ण है।

QUAD के निर्माण से सबसे ज्यादा मिर्ची अगर किसी को लगी तो वो है हमारा पड़ोसी देश चीन। चीन ये बात अच्छी तरह जानता है कि क्वाड की मजबूती उसे नीले समंदर में उसकी मनमानियां नहीं करने देंगी, एक स्वतंत्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए मजबूती से काम काम करती रहेंगी।

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जब मिलेंगे मोदी-बाइडेन, तो चीन को मिर्ची लगना तय!

यह बात तो हम सभी जानते हैं कि जब क्वाड का बना तो सबसे ज्यादा तकलीफ अगर किसी को हुई तो वो है चीन। जब-जब क्वाड की बैठक होती है तो चीन हो हमेशा परेशानी होती है। इस बार पीएम मोदी क्वाड बैठक में शामिल होने के लिए अमेरिका में हैं। क्वाड हिंद-प्रशांत क्षेत्र में इन देशों को व्यापक निवेश को तो आकर्षित करता ही है साथ ही चीन के साथ व्यापार निर्भरता को कम करने पर सहमति जताता है। मजबूत होते क्वाड से चीन के न केवल आर्थिक हितों को चोट पहुंचेगी बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी उसकी दादागीरी पर अंकुश लगेगा। क्वाड के इतर भी पीएम मोदी और जो बाइडेन की द्विपक्षीय मुलाकात भारत और अमेरिका के संबंधों में एक नई ताजगी पैदा करेंगे।  

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क्वाड में शामिल होने से भारत को क्या फायदा हुआ है या भाविष्य में क्या होगा इसे जानने से पहले आइए जानते हैं क्या है QUAD?

क्वाड (Quadrilateral Security Dialogue) यह 4 देशों का एक ग्रुप है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, भारत, अमेरिका और जापान शामिल हैं। क्वाड को चार देशों का एक अनौपचारिक मंच भी कहा जा सकता है जहां मिलकर राजनीतिक सुरक्षा संवाद होता है। यानी कुल मिलाकर क्वाड ग्रुप का मकसद समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना है। इस संगठन का गठन चीन की बढ़ती आर्थिक और सैन्य ताकत का मुकाबला करने को लेकर हुआ था। क्वाड को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए एक खास ग्रुप माना जाता है।

 

QUAD क्या है?

क्वाड (Quadrilateral Security Dialogue) एक राजनीतिक गठबंधन है जिसमें चार देश शामिल हैं- भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया। इसका गठन 2007 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने किया था। इस ग्रुप का मुख्य उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य और आर्थिक ताकत का सामना करना है। खासकर दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक गतिविधियों को रोकने के लिए यह ग्रुप सक्रिय हुआ है।

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2017 में ऑस्ट्रेलिया में सत्ता परिवर्तन के बाद इसे पुनर्जीवित किया गया और चीन का मुकाबला करने के लिए चारों देशों ने फिर से सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया। क्वाड का पहला शिखर सम्मेलन मार्च 2021 में ऑनलाइन आयोजित किया गया और दूसरा शिखर सम्मेलन 24 सितंबर 2021 को वाशिंगटन डीसी में हुआ था। इस बार छठा सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, जिसमें कई अहम मुद्दों पर बातचीत होगी।

भारत के लिए QUAD का महत्व

भारत के लिए क्वाड का बड़ा सामरिक महत्व है, यह मंच भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने का अवसर देता है। इसके माध्यम से भारत को जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ संयुक्त नौसैनिक अभ्यास करने का मौका भी मिलता है, जिससे समुद्री सुरक्षा और ताकत में इजाफा होता है। साथ ही  हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आर्थिक निर्भरता को कम करने में की स्थति में भारत मजबूत हुआ है। Quad में शामिल होकर भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र की समुद्री चुनौतियों का सामना करने के लिए बाकी देशों की मदद ले सकता है, जो उसे एक वैश्विक मंच पर ज्यादा मजबूती देता है।

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