Rajasthan: टोंक हिंसा मामले में बड़ा अपडेट, कोर्ट ने नरेश मीणा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

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Rajasthan: राजस्थान के टोंक में हुई हिंसा के मामले में आरोपी नरेश मीणा को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने नरेश मीणा को न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकर कर लिया।

मामले पर नरेश मीणा के वकील ने बताया कि नरेश मीणा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। उनकी जमानत की याचिका कोर्ट में दाखिल की है जिसपर कब सुनवाई होनी है वो कोर्ट तय करेगा। लॉ एंड आर्डर का हवाला देते हुए नरेश मीणा को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश किया गया। 

नरेश मीणा का मेडिकल, मेडिकल बोर्ड के जरिए करवाया जाए- मीणा के वकील

मीणा के वकीलों ने पुलिस द्वारा समिट नरेश मीणा की मेडिकल रिपोर्ट देने की मांग की है। कोर्ट में लिखित दिया है की नरेश मीणा का मेडिकल, मेडिकल बोर्ड के जरिए करवाया जाए। कल कोर्ट खुलने पर याचिका लगाएंगे जिसमे जिन लोगों ले घर जले हैं, गाड़ियां जली हैं, उनकी FIR कोर्ट के जरिए करवाएंगे।

टोंक हिंसा पर SP का बड़ा खुलासा

विकास सांगवान ने बताया कि नरेश मीणा की गिरफ्तारी चुनोतीपूर्ण थी। हम पूरी तैयारी के साथ समरावाता गांव के अंदर गए थे। 13 तारीख को ही नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया था, लेकिन उनके समर्थकों ने पुलिस गाड़ी में आग लगा दी और उन्हें पुलिस हिरासत से छुड़वा कर भगा दिया। जिस समय गाड़ी में आग लगाई, पुलिस टीम गाड़ी के अंदर मौजूद थी। घटना में कुछ पुलिस कर्मी घायल भी हुए हैं।

अफवाह फैलाने के लिए सोशल मीडिया का किया इस्तेमाल-SP

नरेश मीणा के समर्थकों ने पुलिस टीम पर पथराव करना शुरू कर दिया।  गिरफ्तारी के बाद जो हिंसा हुई वो एक प्लान की गई साजिश है। सोशल मीडिया के जरिए गलत खबर फैलाई जा रही है।। खुलेआम पुलिस और प्रशासन को धमकी दिया जा रहा है। सोशल मीडिया पर गुमराह करने वाले लोगों पर भी पुलिस कार्रवाई कर रही है। हाइवे जाम करना भी साजिश थी, जिसके सबूत मिले है। गिरफ्तार लोगों मे ज्यादातर लोग बाहरी है।

नरेश मीणा ने पुलिस को दी थी खुली चुनौती

बता दें कि नरेश मीणा के फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा था- ‘मेरे साथियों और कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस बर्बरता वाला व्यवहार करना बंद कर दें, नहीं अभी तो यह चिंगारी सिर्फ देवली उनियारा में ही उठ रही है। जिसकी जिम्मेदार टोंक की कलेक्टर और भजनलाल सरकार है। अगर पुलिस ने यह बर्बरता वाला व्यवहार बंद नहीं किया, तो यह चिंगारी पुरे राजस्थान के चप्पे-चप्पे से उठने में ज्यादा समय नहीं लगेगा, जिसकी जिम्मेदार प्रशासन और सरकार होगी।’

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