Sambhal: चंदौसी में मिली 400 वर्ग मीटर में फैली बावड़ी, 150 साल पुराना है स्ट्रक्चर… खुदाई कर रहा प्रशासन

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Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल में मंदिरों के मिलने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। कई दिनों से संभल में कुछ बंद पड़े मंदिर मिले हैं तो कुछ जगह अवैध अतिक्रमण मिला है। इसको लेकर प्रशासन सख्त कार्रवाई में लगा हुआ है। अभी इसी बीच संभल के चंदौसी तहसील इलाके में एक पुरानी बावड़ी मिली है। बताया जा रहा है कि ये बावड़ी तकरीबन 150 साल पुरानी है और 400 वर्ग मीटर के दायरे में ये बावड़ी बनी हुई है।

जानकारी के मुताबिक, संभल के चंदौसी तहसील इलाके के लक्ष्मणगंज में एक बावड़ी नुमा स्ट्रक्चर प्रशासन को खुदाई के दौरान मिला। इस स्ट्रक्चर में छोटे-छोटे 5 से 5 कमरे प्रशासन को मिले हैं। प्रशासन अब बावड़ी की खुदाई कर रहा है, जिससे पता लगाया जा सके कि ये बावड़ी नुमा स्ट्रक्चर कितना पुराना है और किस समय का है। चंदौसी में मिली बावली को लेकर स्थानीय लोगों का दावा है कि ये 1857 की बावड़ी है। स्थानीय लोग कहते हैं कि हिंदुओं का पलायन होने के बाद से उस जगह को माफियाओं ने कब्जा लिया था। लोगों की मांग है कि इस बावड़ी को दोबारा पुनर्जीवन दिया जाए और अतिक्रमण जो यहां पर बड़ी संख्या में हुआ उस पर भी कार्रवाई की जाए।

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संभल के DM और SP ने लिया बावड़ी का जायजा

चंदौसी में बावड़ी मिलने के बाद संभल के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक भी मौके पर पहुंचे हुए हैं। उन्होंने खुदाई में निकली बावड़ी का जायदा लिया है। रिपब्लिक भारत से बातचीत में जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया कहते हैं कि ‘तकरीबन 150 साल पुरानी बावली है। 400 वर्ग मीटर की ये बावली है, जो मौजूदा समय में 220 वर्ग मीटर ही खुला है, बाकी जगह पर अतिक्रमण कर लिया गया है।’ उन्होंने कहा कि जल्द इसे अतिक्रमण मुक्त करवाया जाएगा और उसके पहले नोटिस दिया जाएगा।

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चंदौसी के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में मिला मंदिर

पिछले दिन चंदौसी के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में एक मंदिर मिलने का दावा किया गया। मुस्लिम बाहुल्य इलाके में खंडहर नुमा मंदिर को बांके बिहारी मंदिर के नाम से होना बताया गया है। कहा जा रहा है कि 25 साल पहले इस इलाके में हिंदू बड़ी तादाद में रहा करते थे, लेकिन कुछ समय बाद यहां मुसलमानों की संख्या बढ़ी और हिंदुओं की आबादी कम होने के चलते धीरे-धीरे उनके यहां से पलायन शुरू हो गया। ये भी बताया जा रहा है कि इस मंदिर में 2010 तक पूजा अर्चना होती थी, लेकिन 2010 में कथित रूप से शरारती तत्वों ने मंदिर में विराजमान भगवान बांके बिहारी की प्रतिमा और शिवलिंग समेत अन्य मूर्ति को खंडित कर दिया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि उस समय पुलिस में शिकायत भी की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। फिलहाल यहां के लोगों को उम्मीद है कि भगवान बांके बिहारी के मंदिर का जीर्णोद्धार हो जाएगा।

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