Sambhal Mosque Violence: ‘जज के फैसले से देश में आग…’, संभल हिंसा पर रामगोपाल यादव के बिगड़े बोल

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Sambhal Mosque Row: उत्तर प्रदेश का संभल जिला हिंसा की आग में चल रहा है। इसकी चपेट में आने से 4 लोगों ने दम भी तोड़ दिया है। तनाव की स्थिति को देखते हुए यहां इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। स्कूल-कॉलेज भी बंद है। प्रशासन की ओर से स्थिति को सामान्य कराने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही हैं। मगर कुछ राजनेता ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर भी राजनीति करने से कतराते नहीं है और ऐसा बयान दे जाते हैं कि शांत हुआ आग भी भड़क जाए।

संभल की घटना पर सपा नेता रामगोपाल यादव का विवादित बयान सामने आया है। हिंसा की घटना पर उन्होंने कहा कि जज इस तरह से फैसला देने लगे तो लोग देश में आग लगेगा। संभल में कई लोग मारे गए हैं, इसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है। मैंने नोटिस दिया है और सदन में इस मुद्दे को उठाऊंगा। सिर्फ 3 मौतें बताई गई हैं, इससे कहीं ज्यादा मौतें हुई है।

जिला प्रशासन हिंसा के के लिए जिम्मेदार-रामगोपाल यादव

समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने इससे पहले भी संभल में भड़की हिंसा पर आपत्तिजनक बयानबाजी की थी। इससे पहले उन्होंने संभल में उपद्रवियों की पत्थरबाजी की घटना को जायज ठहराते हुए कहा था कि पुलिस अगर ऐसे कार्रवाई करेगी, तो पत्थरबाजी होगी। उन्होंने घटना के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।

संभल में स्थिति तनावपूर्ण, इंटरनेट बैन

बता दें कि संभल की जामा मस्जिद में कोर्ट के आदेश के बाद सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है। रविवार को सर्वेक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की तो जवाब में पुलिस ने भी आसू गैस के गोले छोड़े। हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत जबकि घटना में उपजिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी समेत 20 लोग घायल हो गए।  भड़की हिंसा के बाद इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया। वहीं, 12वीं तक के स्कूलों को सोमवार को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।

संभल में क्यों भड़की हिंसा?

बता दें स्थानीय अदालत के आदेश पर बीते मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था जिसके बाद से संभल में पिछले कुछ दिनों से तनाव व्याप्त है। रविवार को कोर्ट के आदेश पर सुबह 7 बजे से 11 बजे तक सर्वे किया जाना था। मगर अचानक वहां सर्व का विरोध करने बड़ी संख्या में उपद्रवी पहुंच गए और पत्थरबाजी करने लगे। दरअसल, स्थानीय अदालत में एक याचिका दाखिल करके दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है, वहां पहले हरिहर मंदिर था।

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