कंपनी ब्रांड, ट्रेडमार्क और टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के लिए दूसरी कंपनी को रॉयल्टी का पेमेंट करती है। कई कंपनियां अपनी पेरेंट कंपनी को रॉयल्टी का पेमेंट करती हैं। सेबी ने पाया है कि कंपनियां रॉयल्टी पेमेंट की वजह सहित कई जरूरी जानकारियां नहीं दे रही हैं