दिल्ली उच्च न्यायालय ने संगीत समारोहों के टिकटों की बिक्री अधिकृत मंचों के माध्यम से होने तथा अवैध तरीके से इनकी बिक्री पर रोक के लिए एक नियामक रूपरेखा बनाने के अनुरोध वाली याचिका पर बृहस्पतिवार को केंद्र से जवाब मांगा। मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने याचिका पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों, निजी कंपनियों स्टबहब इंक, वियागोगो एंटरटेनमेंट इंक और बिगट्री एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी किया।
अदालत ने कहा कि
अदालत ने कहा कि जवाब चार सप्ताह के अंदर दाखिल करने होंगे। इसके बाद सुनवाई 18 फरवरी, 2025 तक के लिए टाल दी गई जब इसी तरह की एक याचिका पर सुनवाई होगी। याचिका में केंद्र सरकार को भारत में ऐसे समारोहों की टिकटों की कथित अवैध और अनधिकृत बिक्री में शामिल गैरकानूनी ऑनलाइन मंचों को प्रतिबंधित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
याचिकाकर्ता समृद्धि और चार अन्य ने वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव और अधिवक्ता मलक भट्ट के माध्यम से ब्रिटिश रॉक बैंड कोल्डप्ले के आगामी संगीत समारोह का हवाला दिया। याचिका में कहा गया कि बुकमाईशो जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को चाहिए कि वह लोगों को सुविधाजनक डिजिटल समाधान उपलब्ध कराए और टिकटों की कालाबाजारी तथा अनधिकृत बिक्री पर नजर रखने में मदद करे।
इसमें कहा गया, ‘‘क्रिकेट मैच, लाइव मनोरंजन शो या दिलजीत दोसांझ, कोल्डप्ले आदि जैसे कई प्रसिद्ध कलाकारों के संगीत समारोह सरीखे लोकप्रिय आयोजनों की घोषणा के बाद कालाबाजारी की गतिविधियों में बड़े पैमाने पर वृद्धि होती है, जिसके तहत ऐसे आयोजनों में प्रवेश के लिए टिकट आम जनता का शोषण करते हुए अनधिकृत और गैरकानूनी तरीकों से अत्यधिक राशि में बेचे जाते हैं।’’
याचिका के अनुसार कोल्डप्ले ने अपने कंसर्ट के टिकट की बिक्री के लिए बुकमाईशो के साथ करार किया था और सार्वजनिक घोषणा की थी कि उसके टिकट की अनधिकृत बिक्री से बचें लेकिन अन्य मंचों ने भी अवैध और अनधिकृत तरीके से टिकट बेचने शुरू कर दिए। याचिका में अनुरोध किया गया है कि राजधानी दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 26 अक्टूबर को होने वाले दोसांझ के एक कार्यक्रम की बुकिंग के दौरान इसी तरह की गतिविधियों के आरोपों के मामले में जांच के लिए एक समिति बनाने का निर्देश दिया जाए।
ये भी पढ़ें – Cyclone Dana: श्रद्धालुओं को दी सलाह, जगन्नाथ मंदिर में जानें से बचें