महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि ठाणे जिले के कल्याण में एक मराठी भाषी परिवार पर हमला करने के आरोप में एक दंपती के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। फडणवीस ने कहा कि पुरुष आरोपी को सरकारी नौकरी से निलंबित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि अखिलेश शुक्ला नामक पुरुष आरोपी महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम (एमटीडीसी) का कर्मचारी है।
मुख्यमंत्री ने विधान परिषद में शिवसेना (उबाठा) के विधायक अनिल परब द्वारा उठाए गए मुद्दे को लेकर यह बात कही। परब ने कहा कि कल्याण में एक मराठी परिवार के सदस्यों पर अखिलेश शुक्ला नामक व्यक्ति ने हमला किया और उन्होंने इस पर चर्चा की मांग की। परब ने कहा, ‘‘बहस के बाद शुक्ला ने मराठी परिवार का अपमान किया और उन पर हमला कर दिया, जिसमें वे घायल हो गए। शुक्ला ने मराठी परिवार को बताया कि वह मंत्रालय में काम करता है और कई मराठी कर्मचारी उसके कार्यालय की सफाई करते हैं। ’’
शिवसेना (उबाठा) के नेता ने कहा कि…
शिवसेना (उबाठा) के नेता ने कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले लोगों द्वारा मराठी लोगों के साथ भेदभाव की ऐसी घटनाएं दिन-प्रतिदिन बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि मराठी लोगों को रेल यात्रा के दौरान हमलों का सामना करना पड़ता है अथवा उनके भोजन की आदतों के आधार पर उन्हें आवासीय सोसायटी में घर देने से मना कर दिया जाता है। परब ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने के बाद मुंबई, पुणे, कल्याण और राज्य के अन्य हिस्सों में देश के अन्य राज्यों के लोगों द्वारा मराठी परिवारों को परेशान किए जाने की घटनाएं बढ़ गई हैं।
शिवसेना (उबाठा) के एमएलसी सचिन अहीर ने सरकार पर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया। कांग्रेस विधायक भाई जगताप ने कहा कि आरोपी शुक्ला ने मराठी भाषी लोगों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की।
विपक्ष ने इस मुद्दे पर सदन में नारेबाजी की और मुख्यमंत्री से जवाब की मांग की। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि घटना के आरोपी अखिलेश शुक्ला और उसकी पत्नी ने मराठी परिवार के साथ बहस की और उनके खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। फडणवीस ने कहा, ‘‘शुक्ला एमटीडीसी के कर्मचारी हैं। इस घटना के बाद कल्याण के खड़कपाड़ा पुलिस थाने में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।’’
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि शुक्ला को सरकारी नौकरी से निलंबित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मराठी लोगों के साथ कोई अन्याय नहीं किया जाएगा।
आवासीय सोसाइटियों में मांसाहारियों को मकान नहीं दिए जाने के मुद्दे पर फडणवीस ने कहा, ‘‘ संविधान ने सभी को यह अधिकार दिया है कि उन्हें क्या खाना चाहिए। किसी को भी किसी के खाने की आदतों के आधार पर घर देने से मना करने का अधिकार नहीं है। इस भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसी शिकायतें मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। ’’
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