Wasim Rizvi changed his name: तकरीबन 3 साल पहले इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू बने वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी एक बार फिर चर्चा में हैं। उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रह चुके वसीम रिजवी ने दिसंबर 2021 में हिंदू धर्म अपनाया था। वो वसीम रिजवी से जितेंद्र नारायण त्यागी बने थे। इस बार उन्होंने अपना उपनाम भी बदल लिया है। मतलब ये कि उन्होंने अपनी जाति बदली है और ब्राह्मण से ठाकुर बन गए हैं।
वसीम रिजवी ने अपने जितेंद्र नारायण त्यागी नाम को बदला है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा है कि उनका नया नाम ठाकुर जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर होगा। मतलब ये कि वो त्यागी ब्राह्मण से ठाकुर हो गए हैं।
गाजियाबाद में वसीम रिजवी ने हिंदू धर्म अपनाया
इस्लाम से ‘निष्कासित’ किए जाने के बाद तकरीबन 3 साल पहले वसीम रिजवी ने हिंदू धर्म अपना लिया था। गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के मुख्य पुजारी स्वामी यति नरसिंहानंद ने रिजवी को हिंदू धर्म में परिवर्तित किया। नरसिंहानंद ने धर्म परिवर्तन के बाद रिजवी का नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रखा। हिंदू धर्म में आने के बाद रिजवी ने कहा था, ‘मुझे इस्लाम से निष्कासित कर दिया गया था। उसके बाद ये मेरी पसंद है कि मैं अपनी पसंद के धर्म का पालन करूं और उसका प्रचार करूं।’ उन्होंने कहा, ‘सनातन धर्म दुनिया का पहला धर्म है। मैं सनातन धर्म का सम्मान करता हूं। ये मानवता में विश्वास से भरा है।’
वसीम रिजवी कौन हैं?
वसीम रिजवी मूलरूप से लखनऊ के रहने वाले हैं। 2008 में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य बने। उसके बाद वो शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष चुने गए। 2021 में रिजवी ने कुरान में संशोधन की वकालत की थी और 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। हालांकि वो खारिज हो गई थी। बाद में रिजवी ने ‘पैगंबर मुहम्मद’ पर एक किताब लिखी थी, जिस पर काफी बवाल हुआ था। वसीम रिजवी को इस्लाम धर्म से भी निकाल दिया गया। उसके बाद उन्होंने हिंदू धर्म अपनाया।
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