Balwant Murder Case: कानपुर देहात के बहुचर्चित बलवंत हत्याकांड में न्यायालय ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया है, जिसमें तत्कालीन शिवली कोतवाल और तत्कालीन मैथा चौकी इंचार्ज को 5 – 5 साल की सजा और 10 – 10 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया गया है। न्यायालय ने सरकार को आदेश दिया कि वह पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा दे। इस मामले में तत्कालीन एसओजी प्रभारी सहित 6 अन्य पुलिसकर्मियों को दोषमुक्त कर दिया गया।
बलवंत की मौत 12 दिसंबर 2022 को पुलिस कस्टडी में हुई थी। परिवार ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने बलवंत की पिटाई कर उसकी हत्या कर दी। बलवंत के चाचा ने इस घटना के बाद हत्या सहित गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कराया था। हालांकि, अदालत के फैसले से वादी पक्ष संतुष्ट नहीं है और उन्होंने इसे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का इरादा जताया है। वहीं, वकील जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि, ‘न्यायालय का निर्णय आ चुका है, लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं हैं। आगे की कानूनी कार्यवाही जारी रहेगी।
बलवंत की पत्नी को 10 लाख रुपए की सहायता
जानकारी देते हुए वकील राजू पोरवाल ने बताया कि कोर्ट ने मृतक बलवंत की पत्नी को 10 लाख रुपए आर्थिक सहायता देने की बात कही है। कोर्ट तत्कालीन एसपी सुनीति सिंह, तत्कालीन थानाध्यक्ष रसूलाबाद आशा पाल, तत्कालीन थानाध्यक्ष अकबरपुर प्रभात कुमार और रनिया थाने के तत्कालीन उपनिरीक्षक शिवप्रकाश के वेतन से 10 लाख रुपए की वसूली करेगी।
दूसरी ओर जब कोर्ट ने सजा का ऐलान किया तो शिवली थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर राजेश सिंह की पत्नी प्रीति सिंह ने इस फैसले को गलत बताते हुए कहा कि मृतक बलवंत को एसओजी गिरफ्तार कर रनिया थाने ले गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने एसओजी टीम को बरी कर दिया और इस मामले में एक इंस्पेक्टर कैसे दोषी हो सकता है, उन्होंने कहा कि हम न्याय के लिए हाई कोर्ट में गुहार लगाएंगे।
उधर मैथा चौकी के तत्कालीन चौकी इंचार्ज ज्ञान प्रकाश पांडेय की पत्नी साधना पांडेय ने कोर्ट के फैसले को गलत बताते हुए कहा कि बलवंत की पत्नी के साथ तो पहले से ही अन्याय हुआ लेकिन अब मेरे साथ अन्याय हो रहा है। इसके लिए वह हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगी और न्याय की गुहार लगाएंगी।
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