उत्तर प्रदेश के लोनी से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने बुधवार को पार्टी की लोकसभा सदस्य कंगना रनौत की उन टिप्पणियों का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने नवंबर 2021 में केंद्र द्वारा किसानों के विरोध के बाद निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लाने की बात कही थी।
गाजियाबाद के लोनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक गुर्जर ने यह बयान तब दिया जब रनौत ने अपनी टिप्पणी वापस ले ली, जिससे राजनीतिक बवाल मच गया। सत्तारूढ़ भाजपा ने भी उनकी टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया था।
गुर्जर ने एक वीडियो बयान में कहा,”कंगना रनौत ने जो कहा, वह यह था कि किसान आंदोलन में लाशें लटक रही थीं, पूरे देश और दुनिया ने यह देखा है। लेकिन कोई भी सच नहीं सुनना चाहता। इस देश के किसान आज हर जगह मांग कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री, जिन्होंने किसानों और गरीबों के जीवन को बदलने का काम किया है, उन्हें इन विधेयकों को लागू करना चाहिए ।”
लोनी विधायक ने कहा, “इसमें, मैं कंगना रनौत ने जो कहा है, उसका पूरा समर्थन करता हूं। यह पहली बार नहीं है जब मैं यह कह रहा हूं। मैं पहले दिन से ही यह कह रहा हूं । ” भाजपा विधायक गाजीपुर बॉर्डर में प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह को डराने-धमकाने के बाद कुछ समय के लिए सुर्खियों में आए थे।
दिल्ली का गाजीपुर बॉर्डर इलाका कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का एक प्रमुख स्थल था। गुर्जर ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम किया है, जो जीडीपी में प्रमुख योगदान देते हैं।
उन्होंने कहा, “बिचौलियों (आढ़तियों) का जाल था। किसान अपनी उपज कहीं भी ले जाकर नहीं बेच सकते थे। पुलिसकर्मी उन्हें परेशान करते थे। इन सभी प्रावधानों को हटा दिया गया और तीन नए प्रावधान (विधेयक) लाए गए, जिनका उद्देश्य किसानों का उत्थान करना था।”
उन्होंने दावा किया कि जब ये विधेयक आए, तो भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि उनके पिता का सपना पूरा हो गया है क्योंकि ‘बाबा’ (महेंद्र सिंह) टिकैत तीनों विधेयकों के लिए लड़ते रहे।
भाजपा विधायक ने दावा किया, “लेकिन फिर खालिस्तानी, आईएसआई और ये सभी लोग (इसमें) सक्रिय हो गए। यह मैं नहीं कह रहा, यह एक सिद्ध बात है। तिरंगा उतार दिया गया। वे बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा कर देते। इसलिए यह किसानों के विरोध का मामला था।”
सांसद रनौत ने बुधवार को तीन कृषि कानूनों को वापस लाने की मांग वाली अपनी टिप्पणी वापस ले ली और कहा कि वे उनकी निजी राय थीं और पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं। अभिनेत्री एवं राजनीतिक नेता ने कहा था कि चूंकि वह भाजपा की सदस्य हैं, इसलिए उनके बयान उनकी पार्टी की नीतियों के अनुरूप होने चाहिए।
कांग्रेस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर रनौत का एक बिना तारीख वाला वीडियो साझा किया, जिसमें वह कथित तौर पर हिंदी में कह रही हैं, ‘‘जो कृषि कानून निरस्त किए गए हैं उन्हें वापस लाया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि यह विवादास्पद हो सकता है। किसानों के हित में कानून वापस लाए जाएं। किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए, ताकि उनकी समृद्धि में कोई रुकावट नहीं रहे।’’