उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में एक महिला वकील को कथित तौर पर अगवा करने और उसकी हत्या करने के मामले में दो और अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में अब तक सभी छह आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके हैं। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी। पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि महिला वकील मोहिनी तोमर (40) पिछली तीन सितंबर को जिला अदालत से लापता हो गई थीं और एक दिन बाद उनका शव रेखपुर माइनर नहर से बरामद किया गया था। इस मामले में उनके पति बृजेंद्र ने छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
उन्होंने बताया कि कासगंज थाने में वकील मुस्तफा कामिल, उसके तीन बेटों असद मुस्तफा, हैदर मुस्तफा और सलमान मुस्तफा और दो सहयोगियों मनाजिर रफी तथा केशव मिश्रा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 103 (हत्या), 140 (1) (हत्या के इरादे से अपहरण या अपहरण), 62 (1) (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस अधीक्षक अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि…
पुलिस अधीक्षक अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि वकील मुस्तफा कामिल और उसके तीन बेटों को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था, जबकि दो अन्य रफी और केशव को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि कामिल और उसके दो बेटे हैदर और सलमान वकील हैं, जबकि असद अलीगढ़ में एलएलबी का छात्र है।
मोहिनी के पति बृजेंद्र के मुताबिक उनकी पत्नी को एक मुकदमे की पैरवी नहीं करने के लिए कामिल से धमकियां मिल रही थीं। पिछली तीन सितंबर को बृजेंद्र ने अपनी पत्नी को जिला न्यायालय में छोड़ दिया था, जहां से उन्हें आरोपियों ने अगवा कर लिया और बाद में उनकी हत्या कर दी। बृजेंद्र ने यह भी बताया कि उनकी पत्नी ने हत्या के एक मामले में आरोपी मनाजिर रफी की जमानत का विरोध किया था। इसमें वह पीड़ित पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रही थीं। मोहिनी की हत्या से अधिवक्ताओं के बीच आक्रोश फैल गया था और वकीलों ने न्याय की मांग करते हुए कासगंज-बरेली राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया था। वकीलों ने पीड़ित परिवार के सदस्यों के लिए एक करोड़ रुपये के मुआवजे की भी मांग की है।
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