पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने कनिष्ठ चिकित्सकों से भूख हड़ताल समाप्त करने का आग्रह किया है और उन्हें अपने स्वास्थ्य को प्रभावित किए बिना अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखने की सलाह दी है। राजभवन के एक सूत्र ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
बोस ने कनिष्ठ चिकित्सकों के पिछले पांच दिनों के अनशन के कारण उनकी स्वास्थ्य की बिगड़ती स्थिति से चिंता जतायी। बोस की यह अपील कुछ कनिष्ठ चिकित्सकों द्वारा उनसे संकट में हस्तक्षेप करने के आग्रह किये जाने के बाद आयी है।
सूत्र ने बताया कि इसके बाद, राज्यपाल धर्मतला में भूख हड़ताल स्थल पर कनिष्ठ चिकित्सकों से मिलने गए और उन्हें आश्वासन दिया कि वे स्थिति से निपटने के लिए सभी हितधारकों को शामिल करते हुए जल्द ही एक शांति बैठक आयोजित करेंगे।
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘राज्यपाल शनिवार से भूख हड़ताल पर बैठे आंदोलनकारी युवा चिकित्सकों की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं। बंगाल के लोगों, भारत के नागरिक समाज की ओर से उन्होंने भूख हड़ताल पर बैठे कनिष्ठ चिकित्सकों से भूख हड़ताल समाप्त करने की अपील की।’’
राज्यपाल ने युवा चिकित्सकों से कहा कि वे अपना विरोध प्रदर्शन अपनी स्वास्थ्य स्थिति को प्रभावित किए बिना जारी रखें।
सूत्र ने कहा, ‘‘बोस ने गतिरोध को समाप्त करने के लिए एक व्यवहाारिक कार्य योजना तैयार करने के लिए सभी संबंधित पक्षों के साथ शांति बैठक आयोजित करने का वादा किया है। बैठक जल्द ही आयोजित की जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि बैठक का स्थान और समय जल्द ही तय किया जाएगा। अधिकारी ने कहा, ‘‘बोस ने बैठक के दौरान कहा कि लोगों की शक्ति सत्ता में बैठे लोगों से अधिक है। कहीं भी अन्याय हर जगह न्याय के लिए खतरा है।’’
बैठक के दौरान, आंदोलनकारी युवा चिकित्सकों ने बोस को अपनी दस मांगों की एक सूची सौंपी और समस्याओं के संभावित स्थायी समाधान का अनुरोध किया। प्रदर्शनकारी चिकित्सक आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से बलात्कार और हत्या मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं, इसके अलावा स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम को तत्काल हटाने की मांग कर रहे हैं।
उनकी अन्य मांगों में राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना, एक बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली का क्रियान्वयन और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और वॉशरूम के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए कार्यबल का गठन शामिल है।
वे अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाने, स्थायी महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती करने और चिकित्सकों, नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने की भी मांग कर रहे हैं।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक साथी चिकित्सक से बलात्कार के बाद उसकी हत्या के बाद कनिष्ठ चिकित्सकों ने काम बंद कर दिया था। राज्य सरकार से उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने 21 सितंबर को 42 दिनों के बाद अपना आंदोलन समाप्त किया था।